भरत मिलाप सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा,मोदी ने किया भावनात्मक ट्वीट
वाराणसी: काशी की पुरातन काल से चलती आ रही ऐतिहासिक भरत मिलाप नाटी इमली मैदान पर अपने पारंपरिक स्वरुप में संपन्न हुआ।मात्र पांच मिनट के इस कार्यक्रम, भरत मिलाप को देखने के लिए करीब साढ़े 3 लाख से अधिक लोग भरत मिलाप मैदान में मौजूद थे। वहीं काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भव्य और दिव्य मिलाप को अपने पीएम कार्यालय,दिल्ली से देखा और फिर अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट से चार तस्वीरें साझा कर भावनात्मक सन्देश भी लिखा।
काशी में लक्खा मेला के तहत होने वाला भरत मिलाप भारत की सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। पिछली करीब पांच सदियों से चली आ रही इस प्रस्तुति ने एक बार फिर प्रभु श्री राम के भक्तों को भावविभोर कर दिया। काशी के सांसद होने के नाते मुझे इस परंपरा को लेकर विशेष गर्व की अनुभूति हो… pic.twitter.com/NRAIfIExBe
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2023
प्रधानमंत्री ने चार तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा है कि ‘काशी में लक्खा मेला के तहत होने वाला भरत मिलाप भारत की सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। पिछली करीब पांच सदियों से चली आ रही इस प्रस्तुति ने एक बार फिर प्रभु श्री राम के भक्तों को भावविभोर कर दिया। काशी के सांसद होने के नाते मुझे इस परंपरा को लेकर विशेष गर्व की अनुभूति हो रही है।’
बता दें कि इस भरत मिलाप में काशी नरेश के साथ पूरी काशी सम्मिलित होती है। मान्यता है कि कुछ पल के लिए यहां भगवान श्रीराम स्वयं उपस्थित होते हैं।
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चित्रकूट रामलीला समिति के द्वारा होता है आयोजन
चित्रकूट रामलीला समिति की ओर से लक्खा मेला के रूप में जग प्रसिदध काशी की नाटी इमली का भरत मिलाप हर साल नाटी इमली मैदान में आयोजित होता है। लाखों लोग यहां 14 वर्ष के वनवास के बाद चारों भाइयों का मिलन देखने के लिए आते हैं। ठीक 4 बजकर 40 मिनट पर अस्ताचलगामी सूर्य की किरणे भरतमिलाप के चबूतरे पर पड़ी तो राम और लक्ष्मण 14 वर्षों से इंतजार कर रहे भरत और शत्रुघ्न की तरफ दौड़ पड़े और उन्हें उठाकर गले से लगा लिया। जिसके बाद पूरा परिसर सियावर राम चंद्र की जय के नारों से गूंज उठा और इसी के बाद काशी नरेश की राजशाही सवारी मेला स्थल से प्रस्थान की।तुलसीदास के समकक्ष मेघा भगत द्वारा 480 साल पहले शुरू हुआ यह कार्यक्रम को देखने देश-दुनिया से पहुंचते है।