Bharat Jodo nyay Yatra: आगरा पर आज देश की नजर,राहुल-अखिलेश का होगा मिलन

पहली बार 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए थे

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Loksabha 2024: देश में आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. खासकर उत्तर प्रदेश जहाँ केंद्र की सत्ता का रास्ता जाता है. आज का दिन यूपी के साथ- साथ देश के लिए भी बहुत खास है क्यों कि आज एक बार फिर प्रदेश में 7 साल बाद यूपी के दो लड़कों की जोड़ी देखने को मिलेगी. बता दें कि गठबंधन हो जाने के बाद आज अखिलेश यादव पहली बार राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में आगरा में शामिल होंगे. इससे पहले ” यूपी के यह दोनों लड़के” पहली बार 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए थे.

आगरा में दिखेगी दोनों की जोड़ी

आपको बता दें कि अखिलेश और राहुल गाँधी की यह जोड़ी पहली बार भारत जोड़ो यात्रा में एक साथ दिखेगी. अखिलेश ने पहले ही कांग्रेस के नेताओं पे इसे स्वीकार किया था लेकिन सीट बटवारे की बात न बनने पर दूरी बनाई थी लेकिन अब दोनों ताजनगरी में दिखेंगें.

अखिलेश- राहुल नहीं PDA यात्रा होगी- अखिलेश

गौरतलब है कि यात्रा में शामिल होने से पहले अखिलेश यादव ने कहा कि का बयान भी सामने आया. जिसमे उन्होंने कहा कि यह यात्रा अखिलेश और राहुल की नहीं बल्कि यह यात्रा PDA यात्रा होगी यानी पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक यात्रा होगी. अखिलेश यादव ने पीडीए का नाम इसलिए लिया क्योंकि सपा यूपी में पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करने में जुटी हुई है.

कांग्रेस को मिली 17 सीटें

लोकसभा चुनाव में मोदी विरोधी मोर्चे इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 17 सीटें दी है जबकि 63 पर खुद चुनाव लड़ेगी. ऐसा माना जा रहा है कि यदि कोई और भी दल प्रदेश में साथ आता है तो उसे भी शीट दी जाएगी.

टूट- फूट के साथ नजर आ रहा इंडिया गठबंधन

आपको बता दें कि देश में इंडिया गठबंधन के टूट जाने के बाद अब इंडिया गठबंधन टूट- फूट के साथ एक बार फिर नए जोश में दिखाई दे रहा है. गठबंधन के तहत सीट बंटवारे होने के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन एक बार फिर से ट्रैक पर लौट चुका है.

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2017 में फ्लॉप रहा था गठबंधन-

आपको बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच का गठबंधन औंधे मुंह गिरा था. प्रदेश में विधानसभा के दौरान भाजपा और उसके सहयोगी दलों को 403 में 325 सीटें मिली थी जबकि गठबंधन को मात्रा 54 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. विधानसभा चुनाव में यूपी की जनता ने सपा-कांग्रेस गठबंधन को पूरी तरह से नकार दिया था. जिस समय कांग्रेस और सपा के बीच यह गठबंधन हुआ था उस समय नारा दिया गया था, यूपी को ये साथ पसंद है. उस समय पार्टी के नेता यूपी के दो लड़के एक साथ कहते हुए नजर आए थे.

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