सावधान.. वाराणसी में उचक्कों ने निकाला स्मार्ट पैंतरा, घुलमिल कर कर रहे हाथ साफ
अवैध गाइड बनकर एक उचक्केर ने पहले पर्यटकों से मिलजोल बढाया. घुलमिल जाने के बाद उनके 17 मोबाइल फोन को ही पार कर दिया. खास बात यह है कि सब कुछ सीसीटीवी में भी कैद हो गया.
ऐतिहासिक शहर वाराणसी जब से स्मार्ट सिटी का रूप लिया है तब से उचक्कों ने अपने पैंतरे को भी स्मार्ट कर लिया है. पर्यटकों की संख्यां में बढने के साथ आसपास के जिलों और दूसरे प्रदेशों से उचक्के हाथ साफ करने की कला दिखाने यहां पहुंच जा रहे हैं. कभी कपडे पर गंदा गिराकर तो कभी चार पहिया गाडी का तेल गिरने का झांसा देकर लोगों को अपना शिकार बनाने वालों ने अब अपराध करने के तौर तरीकों में भी बदलाव किया है. इसका एक ताजा उदाहरण कल यानी बुधवार को शहर में देखने को मिला. इस बार अवैध गाइड बनकर एक उचक्केर ने पहले पर्यटकों से मिलजोल बढाया. घुलमिल जाने के बाद उनके 17 मोबाइल फोन को ही पार कर दिया. खास बात यह है कि सब कुछ सीसीटीवी में भी कैद हो गया.
दक्षिण भारत के ग्रुप को लगाया चुना
जानकारी के मुताबिक बाबा काशी विश्वनाथ और माता विशालाक्षी मंदिर में अवैध गाइड ने तमिलनाडु से आए करीब 40 लोगों के ग्रुप से मिला और उनसे मेलजोल बढा लिया. उसने विशालाक्षी मंदिर में दर्शन करने के बाद ग्रुप, बाबा का दर्शन करने के लिए लाहौरी टोला के रास्ते श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पहुंचा. वहां उस अवैध गाइड ने पहले तो अपनी बातों में लेकर यात्रियों को अपने विश्वास में लिया, फिर चप्पल वहीं खुलवाकर मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं को बजाय लॉकर में रखवाने के अपने गमछे में यह कहकर रखवा लिया कि वह यहीं रहकर उनका इंतज़ार कर रहा है, तब तलक वे दर्शन करके आएं.
अवैध गाइड के भोलेपन और मीठी मीठी बातों के झांसे में आकर यात्रियों ने उस पर विश्वास किया एवं अपनी डिजिटल घड़ी, 17 एंड्रॉइड मोबाइल और अन्य सामान उसके हवाले करके मन्दिर की ओर चले गए. इधर, उनके जाने के दस मिनट बाद अवैध गाइड उनके मोबाइल लेकर फरार हो गया.
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन से शिकायत
करीब डेढ़ घंटे बाद यात्रियों का दल जब वापस उस स्थान पर पहुंचा, तो वहां उनके चप्पल तो मिले लेकिन गाइड नहीं मिला. यह सोचकर कि गाइड कुछ खाने-पीने इधर-उधर कहीं गया होगा, उन्होंने उसका दो घंटे इंतज़ार किया। इस बीच, उनमें से एक-दो यात्रियों ने स्थानीय लोगों से मोबाइल लेकर अवैध गाइड को दिए मोबाइलों पर फोन मिलाना शुरू किया, मगर हर एक बार, हर एक नंबर बन्द मिला.
थक हारकर पर्यटकों ने ज्ञानवापी कंट्रोल रूम जाकर इसकी शिकायत की. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुआयना करने के साथ ही उस अवैध गाइड की काफी तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज देखा तो उसमें काला कपड़ा पहने और ग्रे टोपी लगाए हाथ में गमछे की पोटली लेकर जाते अवैध गाइड दिखा तो यात्रियों ने उसे पहचान लिया. पुलिस ने अपराधी को शीघ्र पकडने का भरोसा दिलाया.
इटली के पर्यटक को भी नहीं बख्शा
एक अन्य. घटना में इटली से वाराणसी आए गिलीस राफाएले का मोबाइल एटीएम कार्ड चुरा कर बैंगलोर निवासी अजय चौधरी फरार हो गया. पिडित की तहरीर पर सिगरा पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है.
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बताते हैं कि विद्यापीठ रोड पर स्थित इन्टरनेशनल ट्रेवल्स हास्टल में इटली से आया युवक ठहरा हुआ था जहां उसकी मुलाकात बैंगलोर निवासी अजय चौधरी से हुई और फिर मित्रता होने के बाद दोनों एक साथ घूमने निकले.
घूमकर आने के बाद जब विदेशी पर्यटक अपने कमरे में सो गया तभी अजय चौधरी उसके कमरे में घुसकर उसका मोबाइल एटीएम कार्ड एवं अन्य जरूरी कागजात चुराकर भाग गया.
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पीडित ने जब अजय को फोन लगाकर अपना समान वापस मांगा तो अजय ने 600 युरो मोबाइल वापस करने के बदले में मांग की और उसके एटीएम से भी Revulet app के जरिए 6 से 7 बार पैसा भी निकाला गया है. फिलहाल विद्यापीठ चौकी इंचार्ज देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि पिडित के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.