रहे सतर्क, कोविड ने फिर बढ़ाई कई देशों की टेंशन..
दिसंबर माह में ही आती है इसकी नई लहर
नई दिल्ली: देश और दुनिया में तबाही मचने वाले कोविड ने एक बार फिर भारत समेत कई देशों के लिए टेंशन बढ़ा दी है. बता दें कि देश और दुनिया में बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर चेतावनी जारी हुई है. मेडिकल एक्सपर्ट ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि हर नई लहर दिसंबर के दौरान ही आती है, इसलिए लोगों को सचेत रहने की जरूरत है. INDIAN SARS-COV-2 GENOMICS CONSORTIUM ( INSACOG) के सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष डॉ. सौमित्र दास ने बढ़ते हुए कोविड-19 वैरिएंट JN.1 ने इन दिनों कई देशों में कहर बरपा दिया है. मगर भारत में ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हर नई लहर दिसंबर में ही आती है. बता दें कि दास माइक्रोबायोलॉजिस्ट और भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर हैं.
कोविड-19 परीक्षण की व्यवस्था को ठीक करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि सरकार को हर बार की तरह इस बार भी एयरपोर्ट पर निगरानी बढ़ाने और एक बार फिर से कोविड-19 परीक्षण की व्यवस्था को ठीक करने की जरूरत है. ‘कोविड-19 मामलों के बढ़ने में कुछ भी असामान्य नहीं है और कुछ भी चिंताजनक नहीं है. नए मामले अधिकतर JN.1 वैरिएंट के हैं, जो BA2 का सब वैरिएंट है.’
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही बढ़ सकते हैं मामले
डॉ. सौमित्र दास ने बताया कि इस महीने में क्रिसमस और छुट्टियों का है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही बढ़ जाती है. इस प्रकार यह वह समय बन जाता है जब रोगजनक भी सीमा पार कर जाते हैं.
केरल में मिला पहला जेएन.1 केस-
आपको बता दें कि भारत के केरल राज्य में पहला जेएन.1 मामला सामने आया. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, 18 नवंबर को किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में 79 वर्षीय महिला का सैंपल निगेटिव पाया गया था. इसमें कहा गया था कि उसे हल्के लक्षण थे. वह इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित थी और कोविड-19 से उबर चुकी थी. केरल में मामले की पहचान होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 दिसंबर को तैयारी के उपाय शुरू किए.
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बेहतर स्थिति में भारत-
दास का मानना है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के हाई कवरेज को देखते हुए भारत सुरक्षित स्थिति में है. उन्होंने सलाह दी कि ‘हमें केवल सावधान रहने की जरूरत है. उछाल छोटा है, संख्या अभी भी बहुत नियंत्रण में है. दो साल पहले की स्थिति अब की स्थिति से भिन्न थी.
लोगों को सचेत करने की आवश्यकता
उन्होंने आगे कहा कि ‘लोगों को सचेत करने की आवश्यकता है कि त्योहार या छुट्टियों की अवधि के दौरान जोखिम बढ़ जाता है. जो लोग असुरक्षित या जोखिम में हैं, जैसे कि बुजुर्ग, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और अनावश्यक जोखिम से बचना चाहिए.’