यूएस भेजने की तैयारी में थे पिता, बेटा मन्नान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन में हुआ शामिल
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में अपने बेटे मन्नान वानी के शामिल होने से बशीर अहमद को बड़ा झटका लगा है। बशीर अहमद को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का पीएचडी स्कॉलर बेटा मन्नान वानी हिज्बुल में भर्ती हो गया है। वह इस खबर से सदमे में हैं, लेकिन उम्मीद है कि उनका बेटा एक दिन जरूर घर लौट आएगा। 55 वर्षीय अहमद ने बताया, ‘जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मेरा दो मंजिला घर है। इस घर में मेरे बेटे का सब इंतजार कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि सुबह का भूला वानी शाम को घर वापस जरूर आ जाएगा।’
देखे थे बड़े सपने
अहमद बशीर ने बताया, मैं उच्च माध्यमिक स्कूल में उर्दू का शिक्षक हूं। मेरे बेटे ने परिवार के लिए ही नहीं, अपने गांव के लिए भी बड़े सपने देखे थे। पिछले एक साल से मैं अपने बेटे में बदलाव महसूस कर रहा था। वह कभी-कभी अजीब व्यवहार करने लगता था। मुझे और घरवालों को उसके इस व्यवहार का यकीन नहीं हो रहा था। मन्नान के दो भाई-बहन और चचेरे भाई-बहन भी साथ रहते हैं। उनमें से किसी को भी इस घटना पर यकीन नहीं हो रहा है। अगर मन्नान को लगता है कि वह सही कर रहा है तो यह उसकी गलती है।’
एक साल से बदल गया था व्यवहार
अहमद ने बताया, ‘मन्नान दूसरे युवाओं की तरह ही था। उसकी मांग पूरी नहीं होती थी तो वह नाराज हो जाता था। यहां तक कि वह 100 रुपये के लिए भी मुझसे लड़ जाता था, लेकिन पिछले एक साल से उसमें बदलाव + साफ नजर आ रहा था। वह बहुत चुप-चुप रहने लगा था। एक दिन मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उससे पूछा कि उसे कोई समस्या तो नहीं है लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। मुझे आज दुख हो रहा है कि मैंने उससे जवाब पाने के लिए उस पर दबाब क्यों नहीं बनाया?’
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यूएस भेजने की थी तैयारी
मन्नान का बड़ा भाई मुबशीर वानी एक जूनियर इंजिनियर है और उसकी बहन बीएससी कर रही है। अहमद ने बताया कि हमलोग मन्नान को आगे की पढ़ाई के लिए यूएस भेजने की तैयारी कर रहे थे। वह यूएस + जाने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित था।
2010 में सुरक्षा बलों ने की थी पिटाई
अहमद ने बताया कि मन्नान मेरे स्कूल में परेड का कमांडर था। 2010 में वह स्टेडियम में आयोजित परेड में शामिल होकर घर लौट रहा था। रास्ते में कुछ शरारती तत्वों ने बवाल और पथराव किया, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़कर पीटा। सुरक्षा बलों ने मन्नान की भी पथराव + करने के आरोप में पिटाई की थी जबकि उसने एक पत्थर तक नहीं फेंका था।अहमद ने बताया कि सुरक्षा बल मन्ना को हमेशा परेशान करते थे। वह श्रीनगर से कुपवाड़ा का सफर करता था तो उसे रास्ते में रोककर सवाल किए जाते थे। इससे परेशान होकर उसने बाल भी कटवा लिए थे। हालांकि मन्नान + ने कभी भी कोई खटास जाहिर नहीं की।
… फिर फोन हुआ बंद
मन्नान के चचेरे भाई शबीर अहमद वानी राज्य उच्च शिक्षा विभाग में कंप्यूटर विभाग में है। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को मन्नान ने उनके बड़े भाई को उन लोगों की कुछ पुरानी तस्वीरें वॉट्सऐप पर भेजी थीं। जब उन्होंने उससे पूछा कि वह पुरानी यादें क्यों ताजा कर रहा है तो उसने कहा कि बस यूं ही। बात मजाक में चली गई। यह मेसेज उसने 4 जनवरी की शाम 4 बजे से लेकर रात में 7 बजे तक भेजे थे। उसके बाद उसका फोन बंद हो गया। उसने उसका फेसबुक अकाउंट + भी बंद कर दिया।
दादा की सेहत खराब का बनाया था बहाना
शबीर ने बताया कि जब मन्नान से संपर्क नहीं हो पाया तो उन्होंने अगले दिन उसकी अलीगढ़ के दोस्तों से संपर्क किया। दोस्तों ने बताया कि उसने उन लोगों से बताया था कि उसके दादा की सेहत ठीक नहीं है इसलिए वह जा रहा है। उन लोगों को कुछ गड़बड़ लगा जिसके बाद उन लोगों ने पुलिस में उसके गायब होने की एफआईआर दर्ज करवाई।
nbt
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