‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी पर गिरफ्तार हुए बापू के परपोते …

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 Tushar Gandhi arrested : देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा देश को अंग्रेजी शासको के शासन से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू किये गये ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की आज देश बरसी माना रहा है। देश के इस खास मौके पर मुम्बई से बापू के परपोते तुषार गांधी को गिरफ्तार किया गया है। इस बात की जानकारी तुषार ने अपने ट्वीटर पर किये ट्वीट के जरिये दी है। उन्होने पोस्ट में बताया कि, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी मनाने के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें सांता क्रूज पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।’

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तुषार ने ट्वीट में कही ये बात

तुषार ने हिरासत में लिये जाने की बात को साझा करते हुए ट्वीट में लिखा कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार मुझे हिरासत में लिया गया. मैं 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी मनाने के लिए घर से निकला था, मुझे सांता क्रूज स्टेशन में हिरासत में ले लिया गया. मुझे गर्व है कि मेरे परदादा बापू और बा को भी इस ऐतिहासिक तारीख पर ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, बाद में तुषार गांधी ने ट्वीट कर बताया कि पुलिस ने अब उन्हें जाने की अनुमति दे दी है. वे अगस्त क्रांति मैदान की ओर जा रहे हैं.

क्यों हुई गिरफ्तारी

दरअसल, प्रत्येक वर्ष ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी की मौके पर पीपुल्स मूवमेंट के चलते गिरगांव चौपाटी पर तिलक प्रतिमा से अगस्त क्रांति मैदान तक रैली का आयोजन किया जाता है । पुलिस का आरोप है कि, बुधवार की सुबह तुषार गांधी और तीस्ता सीतलवाड़ को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गयी थी , इसके बाद भी वे इस मार्च में शामिल होने के लिए पहुंचे थे ।

इस वजह से तुषार और सीतलवाड़ समेत कुल 50 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है । वहीं, सीतलवाड़ को फिलहाल घर से निकलने की अनुमति नहीं दी गयी है । इसकी जानकारी देते हुए सीतलवाड़ ने एक ट्वीट में बताया कि, मुझे मार्च में शामिल होने से रोकने के लिए मेरे घर के बाहर 20 जवानों की पुलिस टुकड़ी को तैनात किया गया है।

जानें कौन हैं तुषार गांधी ?

भारत जोडो आंदोलन के दिन गिरफ्तार हुए तुषार गांधी की यदि पहचान पर प्रकाश डाले तो , तुषार गांधी को पूरा नाम तुषार अरूण गांधी है । उनके पिता अरूण गांधी है । तुषार गांधी मणिलाल के पोते है । मणिलाल ने गुजरात के वडोदरा में महात्मा गांधी फाउंडेशन की स्थापना की थी । वे अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते है । इसके अलावा तुषार गांधी पिछले साल भारत छोडो आंदोलन में नजर आए थे ।

तुषार गांधी ने ऐसे बनायी पहचान ?

तुषार गांधी को पूरा नाम तुषार अरूण गांधी है , वे महात्मा गांधी के पोते है । साल 1960 की 17 जनवरी को उनका जन्म हुआ था । तुषार के पिता अरूण गांधी पत्रकार है और तुषार मणिलाल गांधी के पोते और महात्मा गांधी के परपोते हैं। तुषार की प्रारंभिक पढ़ाई गुजराती स्कूल से हुई और उसके बाद उन्होने गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, मुंबई से प्रिंटिंग में डिप्लोमा किया है। इसके अलावा तुषार ने साल 1998 में गुजरात के वडोदरा में महात्मा गांधी फाउंडेशन की स्थापना करने के बाद पहचान मिली है ।

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फिल्मों में भी अजमाया हाथ ..

देशहित के कार्यो से जुड़े होने के साथ ही तुषार गांधी फिल्मों में अपना हाथ अजमा चुके है । तुषार कमल हसन निर्देशित एक काल्पनिक बॉलीवुड फिल्म, “हे राम” में नजर आए थे , इसके साथ ही साल 2009 में उन्होने अपने जीवन पर आधारित अर्ध-काल्पनिक फिल्म “रोड टू संगम” में काम किया था ।तुषार गांधी तुषार की एक नॉनफिक्शन किताब, लेट्स किल गांधी, 2007 में प्रकाशित हुई थी और कुछ हफ्तों के लिए भारत में बेस्ट सेलर बन गई थी।

मार्च 2005 में तुषार गांधी ने दांडी मार्च की 75वीं वर्षगांठ को फिर से लागू करने की पहल की और इसका नेतृत्‍व किया। इसके साथ ही यदि बात करें तुषार के परिवार की तो, लेखक तुषार गांधी की पत्नी सोनल देसाई और दो बच्‍चे बेटा विवान गांधी और बेटी कस्तूरी गांधी है। वे अपने परिवार के साथ मुम्बई में रहते है । उनकी बेटी का नाम कस्तूरी है , जो बताया जाता है कस्तूरबा गांधी के नाम पर रखा गया है ।

 

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