तीन रूप में हुआ बाबा बटुक भैरव का श्रृंगार, दारू और नॉनवेज का कराया गया भोग
महादेव के बाल रूप बटुक भैरव मंदिर में त्रिगुणात्मक श्रृंगार हुआ। बाबा यहां सात्विक, राजसी और तामसी तीनों रूपो में विराजते हैं। शरद ऋतु के विशेष दिन में बाबा का त्रिगुणात्मक श्रृंगार किया जाता। मंदिर को तंत्र साधना के लिए भी जाना जाता है। तीन घंटे से ज्यादा समय तक महारूद्र यज्ञ होता है, जिसमे पंचमेवा, साकला, देशी घी के साथ मदिरा अर्पित किया जाता है।
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महंत ने दी चढ़ावे कि पूरी जानकारी
महंत जीतेन्द्र मोहन पुरी ने बताया, ”सुबह बाल बटुक को जूस, टॉफी, बिस्कुट, फल का भोग लगाया जाता है। दोपहर को राजसी रूप में चावल-दाल, रोटी-सब्जी का भोग लगाया जाता है। शाम को बाबा की महाआरती के बाद भैरव को मटन करी, फिश करी, अंडा के साथ मदिरा का भोग लगाया जाता है। इतना ही नहीं बाबा को प्रसन्न करने के लिए 100 बोतल से ज्यादा शराब से खप्पड़ भी भरा जाता है।
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स्थानीय लोगो का मानना
जानकारी के अनुसार अगर आप बाबा बटुक भैरव का दर्शन करते हैं तो आपकी जिन्दगी से दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ साथ अकाल मत्यु या फिर नव ग्रह दोष कि परेशानी से अगर आप परेशान हैं तो बाबा बटुक भैरव के दर्शन से सारे दुखों का से छुटकारा मिल जाता हैं।