Ban On Cotton Candy: कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन पर लगी रोक…

कर्नाटक सरकार ने कलरिंग को लेकर सुनाया बड़ा फैसला

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Ban On Cotton Candy:  सोमवार को कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन पर रोक लगा दी है. यह फैसला कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन में डाले जाने वाले कलरिंग एजेंट को लेकर दिया गया है, इन दोनों ही खाद्य पदार्थों में कलरिंग एजेंट का प्रयोग कॉटन कैंडी का रंग गुलाबी और गोभी मंचूरियन का रंग लाल करने के लिए किया जाता है. ऐसे में इस बनावटी केमिकल रंग के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. आज सुनाए गए ताजा फैसले में कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन में रोडामाइन -बी फूड कलरिंग एजेंट पर रोक लगाई है. यह आदेश आधिकारिक तौर पर जारी किया गया है.

वही इसको लेकर न्यूज एजेंसी ने कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंड राव के हवाले से लिखा, ”अगर कोई रोडामाइन – बी फूड कलरिंग एजेंट का उपयोग करते हुए पाया जाता है तो, उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”

कर्नाटक सरकार ने किया ये दावा

यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी राज्य ने कलरिंग एजेंट पर बैन लगाने का फैसला किया है, इससे पहले भी कई राज्यों में कलरिंग एजेंट पर रोक लगाई गयी है. इसे बैन किये जाने के पीछे की खास वजह केमिकल को कैंसरस होना बताया जा रहा है. वही जिन प्रदेशों में कलरिंग एजेंट पर रोक लगाई गयी है उनका दावा है कि, इस कलर के सेवन से कैंसर होने का खतरा बढ जाता है. यह रोक लगने के बाद बेंगलुरू में चारों तरफ इस बात की ही चर्चा है कि, अब कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन का क्या होगा?

क्योंकि, यह दोनों ही खाद्य पदार्थो की बिक्री ही रंग की वजह से होती है, ऐसे में जब कलरिंग एजेंट पर प्रतिबंध लग गया है तो, अब खाद्य पदार्थों का भविष्य क्य़ा होगा? कुछ दिन पहले कर्नाटक सरकार के खाद्य विभाग ने इन आइटम्स के सैंपल प्राप्त कर जांच के लिए भेजा थे, ऐसे खाद्य सामानों में ऐसे बनावटी केमिकल का प्रयोग माना गया था कि, मानव स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक हो सकता है.

कैंडी और मंजूरियन के अलावा ये चीजें भी हो सकती है बैन

कर्नाटक खाद्य विभाग द्वारा भेजे गए कॉटन कैडी के सैंपल में रोडामाइन बी और सनसेट येलो केमिकल पाए गए थे, वही गोभी मंचूरियन में बनावटी केमिकल भी पाए गए. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने ये बड़ा फैसला लेते हुए कलरिंग एजेंट को बैन कर दिया, वही इसी प्रकार कबाब पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. क्योकि कबाब बनाते समय बनावटी केमिकल डालने की भी शिकायतें सामने आयी है, यह कलरिंग एजेंट पुलाव, ग्रीन पीज मसाला, मसाला पूरी और पानी पूरी में भी डाला जाता है.

तमिलनाडु सरकार ने पहले कॉटन कैंडी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था, यहां के फूड सेफ्टी अधिकारियों ने कैंडी में रोडामाइन बी कलरिंग एजेंट का उपयोग किये जाने की पुष्टि की थी. दरअसल, इस कलरिंग एजेंट का प्रयोग कपड़ा उद्योग में कपड़े को रंगने के लिए किया जाता है. तमिनलाडु से पहले पुडुचेरी ने भी कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगाया था क्योंकि, वहां भी ऐसा ही कलरिंग एजेंट था. सरकार ने तमिलनाडु और पुडुचुरी में सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसे खाद्य पदार्थों पर नज़र रखी जाएं जिनमें कलरिंग एजेंट का उपयोग होता है.

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इस वजह से बैन हुआ गोभी मंचूरियन

यही कारण है कि उत्तरी गोवा के मापुसा में मंचूरियन गोभी का उत्पादन करना गैरकानूनी कर दिया गया है. इसके सैंपल की जांच से पता चला कि गोभी मंचूरियन को रंगीन बनाने के लिए खतरनाक रंगों का प्रयोग किया जा रहा है, साथ ही घटिया सॉस भी डाले जाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि मंचूरियन में रीठा पाउडर का भी इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी आरोपों के बाद मापुसा नगर पालिका ने गोभी मंचूरियन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

 

 

 

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