14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले के बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायु सेना (IAF) ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर कड़ा संदेश दिया था.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “बालाकोट एयर स्ट्राइक की 6वीं वर्षगांठ पर भारतीय वायु सेना (IAF) के बहादुर सैनिकों के असीम साहस और अटूट वीरता को कृतज्ञ श्रद्धांजलि ! यह साहसिक अभियान ‘नए भारत’ की शक्ति, आतंकवाद के प्रति हमारी राष्ट्र की जीरो टॉलरेंस नीति और वायु योद्धाओं की अद्भुत सामरिक कौशल का प्रतीक है. जय हिंद.
आज इस ऐतिहासिक सैन्य अभियान की छठवीं वर्षगांठ पर भारत उन वीर जवानों को याद कर रहा है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए बलिदान दिया.
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पुलवामा हमले के बाद भारत का करारा जवाब
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे. इस जघन्य हमले के जवाब में, भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को तड़के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. दावा किया गया था था उस हमले में दो सौ से अधिक आंतकी मारे गए थे.
मिशन की सफलता
बालाकोट एयरस्ट्राइक गुप्त मिशन का कोडनेम “ऑपरेशन बंदर” दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, हमले की सफलता की पुष्टि के लिए “बंदर मारा गया” कोडवर्ड का उपयोग किया गया. इस ऑपरेशन में 16 विमानों ने भाग लिया, जिनमें मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने स्पाइस 2000 बमों का इस्तेमाल कर दर्जनों आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था.
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अंतरराष्ट्रीय समर्थन
बालाकोट एयरस्ट्राइक केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का भी प्रतीक बना. इस कार्रवाई के बाद, कई देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया और आतंकवाद के खिलाफ उसकी कड़ी नीति की सराहना की.
राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश
बालाकोट एयरस्ट्राइक की छठवीं वर्षगांठ उन वीर सैनिकों के बलिदान और साहस की याद दिलाती है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. यह दिन भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर भी है.
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