बजरंगबली के जीवित होने के ये हैं पुख्ता सबूत, जानकर उड़ जाएंगे आपके होश !
भगवान राम के भक्त हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि वह चिरंजीवी हैं। वे हर युग में पृथ्वी पर रहते हैं। वे रामायण काल में भी थे और महाभारत काल में भी।
यह भी कहा जाता है कि वह कलियुग में भी विराजमान है और उनके जीवित होने के संकेत मिलते हैं। हनुमानजी के जीवित होने के प्रमाण समय-समय पर प्राप्त होते रहे हैं।
हनुमान जी आज भी जीवित है!-
– पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जहां भी भगवान राम की कथा होती है वहां हनुमान जी अवश्य होते हैं। इसलिए हनुमान की कृपा पाने के लिए श्री राम की भक्ति जरूरी है। जो राम के भक्त हैं हनुमान उनकी सदैव रक्षा करते हैं।
– शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि कुछ ऐसी आत्माएं हैं जिन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। इनमें एक नाम महावीर हनुमान जी का भी है। भगवान राम से वरदान पाने के कारण हनुमान जी अमर हो गए।
– तुलसीदास जी ने कलियुग में हनुमान जी की मौजूदगी का उल्लेख किया है और बताया है कि हनुमान जी की कृपा से ही उन्हें राम लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए।
– हनुमानजी कलियुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं, ऐसा श्रीमद् भागवत में वर्णन आता है।
यत्र-यत्र रघुनाथ कीर्तन तत्र कृत मस्तकान्जलि।
वाष्प वारि परिपूर्ण लोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तक॥
अर्थात कलियुग में जहां-जहां भगवान श्रीराम की कथा-कीर्तन इत्यादि होते हैं, वहां हनुमानजी गुप्त रूप से विराजमान रहते हैं।
सीताजी के वचनों के अनुसार-
अजर-अमर गुन निधि सुत होऊ।।
करहु बहुत रघुनायक छोऊ॥
ऐसा कहा जाता है कि यदि मनुष्य पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से इनका आश्रय ग्रहण कर लें तो फिर तुलसीदासजी की भांति उसे भी हनुमान और राम-दर्शन होने में देर नहीं लगती। इससे उनके हर काल में अजर-अमर होने का संकेत मिलता है।
– त्रेतायुग में तो पवनपुत्र हनुमान ने केसरी नंदन के रूप में जन्म लिया और वे राम के भक्त बनकर उनके साथ छाया की तरह रहे। वाल्मीकि ‘रामायण’ में हनुमानजी के संपूर्ण चरित्र का उल्लेख मिलता है। हनुमानजी के त्रेतायुग में होने के हजारों प्रमाण मिलते हैं।
कहा जाता है कि श्रीराम, भरत, सीता, सुग्रीव, विभीषण और संपूर्ण कपि मंडल, कोई भी उनके ऋण से मुक्त अर्थात उऋण नहीं हो सकता। इस प्रकार त्रेतायुग में तो हनुमानजी साक्षात विराजमान हैं। इनके बिना संपूर्ण चरित्र पूर्ण होता ही नहीं।
भगवान हनुमान के जीवित होने का सबूत-
कुछ साल पहले एक खबर सुर्खियों में आई थी कि हनुमान जी अब भी अपने भक्तों की पुकार सुन उनके पास आते हैं।
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका के जंगलों में ‘मातंग’ नाम की एक जनजाती निवास करती है। इन कबीलाई लोगों का कहना है कि आज भी उनसे मिलने हनुमान जी आते हैं।
बजरंगबली के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वे अमर हैं। कहा जाता है कि भगवान हनुमान जी हिमालय के जंगलों में रहते हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी के प्रमाण अब तक नहीं मिल सके हैं।
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