बाहुबली विधायक विजय मिश्रा : कभी नंद गोपाल नंदी के ऊपर फेंकवाया था बम, अब योगी सरकार में शुरु हुए दुर्दिन
बाहुबली के बड़े खिलाड़ियों में शुमार होते हैं भदोही के बाबा यानि विजय मिश्रा। सियासी मैदान हो या फिर जरायम की दुनिया। विजय मिश्रा का रुतबा कभी कम नहीं हुआ। सत्ता चाहे बीएसपी की हो, समाजवादी पार्टी की या फिर बीजेपी की। भदोही में सत्ता चलती है तो सिर्फ और सिर्फ विजय मिश्रा की। लेकिन योगी राज में अब विजय मिश्रा के दुर्दिन शुरु हो गए हैं। विजय मिश्रा पर राज्य सरकार का फंदा कसने लगा है। विजय मिश्रा पर मकान कब्जा करने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पत्नी और बेटे पर भी कसा शिकंजा-
विधायक के साथ ही उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा और बेटे विष्णु मिश्रा के खिलाफ भी गोपीगंज कोतवाली में रिपोर्ट लिखी गई है। इससे पहले पिछले ही महीने विधायक के खिलाफ गुंडा एक्ट कार्रवाई हुई थी। एसपी रामबदन सिंह के अनुसार पूरे मामले की जांच हो रही है।
दरअसल गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के धनापुर गांव निवासी कृष्ण मोहन उर्फ मुन्ना तिवारी ने पांच अगस्त को कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि विधायक, उनकी पत्नी और बेटे ने उसके मकान को जबरदस्ती कब्जा कर लिया है।
लगातार उन पर वसीयत करने का दबाव बनाया जा रहा है। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। आला अधिकारियों के निर्देश पर पांच अगस्त की देर रात ही केस दर्ज कर लिया गया।
विजय मिश्रा पर हो चुकी है गुंडा एक्ट की कार्रवाई-
पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि मामले की जांच गोपीगंज पुलिस कर रही है। इससे पहले 20 जुलाई को विधायक पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी। वहीं, विधायक विजय मिश्र का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं। धनापुर गांव में 1988 से ही परिवार के साथ रह रहा हूं।
जिस मकान की बात कही जा रही है वहां उनका मकान बना है। जो उनकी जमीन है। कहा कि कृष्ण मोहन मेरे रिश्तेदार हैं। बसपा के एक कद्दावर नेता व पुलिस के बहकावे में आकर शिकायत की है। कुछ लोग मेरी हत्या कराना चाहते हैं, इसलिए आए दिन पुलिस की मिलीभगत से फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं।
सुर्खियों में रहे हैं विजय मिश्रा-
10 नवंबर 2010 को उत्तर प्रदेश के बीएसपी सरकार के तत्कालीन मंत्री नंद गोपाल नंदी के ऊपर उस समय हमला हुआ था, जब वह मंदिर जा रहे थे। तभी स्कूटर में रखे आरडीएक्स से रिमोट का इस्तेमाल करके जानलेवा हमला हुआ था।
इस हमले में राकेश मालवीय और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। हमले का आरोप सपा विधायक विजय मिश्रा पर लगा था। इस मामले में लंबी मशक्कत के बाद एसटीएफ ने विजय मिश्रा को दिल्ली से नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त विजय मिश्रा संन्यासी के वेष में थे।
मुलायम सिंह अपने साथ हेलिकॉप्टर से ले उड़े-
साल 2007 में उत्तर प्रदेश में बीएसपी की सरकार थी। उसी दौरान भदोही उपचुनाव में विजय मिश्रा के कहने पर समाजवादी पार्टी ने मधुबाला पासी को टिकट दे दिया। बीएसपी प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए बीएसपी के दर्जनों मंत्रियों ने भदोही में डेरा डाल दिया। तो दूसरी ओर विजय मिश्रा ने भी इस सीट को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया। उपचुनाव में जीत समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की हुई और इसके साथ ही विजय मिश्रा बीएसपी सुप्रीमो मायावती के निशाने पर आ गए।
विजय मिश्रा की हत्या, लूट जैसी कई मुकदमों की फाइल खुल गई और उन्हें जेल भेजने की तैयारी होने लगी। साल 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान भदोही में मुलायम सिंह यादव चुनावी जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे। तभी पुलिस विजय मिश्रा को गिरफ्तार करने की तैयारी में जुट गई। इसकी भनक लगते ही मुलायम सिंह यादव, विजय मिश्रा को अपने साथ हेलीकाप्टर में लेकर उड़ गए।
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