Baba’s Procession : काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव ने लिया शहर का जायजा

किन्नर, भूत-प्रेत और संत कर रहे थे शोभायात्रा की अगुआई

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Baba’s Procession : वाराणसी के पियरी मोहल्ले में विराजमान बाबा काल भैरव महाभैरव अष्टमी डोले पर सवार होकर काशी का जायजा लेने निकले. इस शोभायात्रा की किन्नर, भूत-प्रेत, औघड़, साधु- संत अगुआई कर रहे थे. काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव सोमवार को जब राजशी वेशभूषा में निकले तो हर-हर महादेव के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा. बाबा काल भैरव के तीन दिवसीय जन्मोत्सव के तहत बाबा की भव्य डोला यात्रा निकाली गई. करीब चार किलोमीटर की दूरी को तय करने में छह घंटे से अधिक का समय लगा.

कलयुग के प्रत्यक्ष देवता है बाबा काल भैरव

बाबा की शोभायात्रा में हाथी, घोड़ा, ऊंट, बैल, लाग विमान, काली प्रतिमा, औघड़ स्वरूप, भूत-प्रेतों के स्वरूपों की टोली, पंचदेवता स्वरूप अष्ट भैरव झांकी, निशान ध्वज शामिल था. बाबा काल भैरव की शोभायात्रा पियरी स्थित कालभैरव मंदिर से प्रारंभ होकर पियरी त्रिमुहानी, जालपा देवी, काशीपुरा, कर्णघंटा, बुलानाला, गोलघर, भैरवनाथ मंदिर, महामृत्युंजय महादेव, मैदागिन, कबीरचौरा होते हुए वापस पियरी आकर समाप्त हुई.

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मंगलवार को अष्ट भैरव पूजन किया गया. इसके बाद मध्य रात्रि 12 बजे महाआरती होगी. छह दिसम्बर को भक्तों में प्रसाद वितरित करने के साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. महंत राजेश्वरानंद ने बताया कि सभी आयोजन बड़ी पियरी चौखंडी वीर स्थित बाबा श्रीकालभैरव के मंदिर से किया जाएगा. बाबा काल भैरव कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हैं. भैरव अष्टमी के दिन बाबा का दर्शन-पूजन करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्तों की मनवांछित कामना पूरी होती है.

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