बाबा का मनभावन सावन: भक्त नही कर सकेंगे श्रीकाशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन
सावन मास में देश-विदेश से दर्शन को आते हैं लाखों श्रद्धालु
वाराणसी में देवों के देव महादेव के भक्तों को सावन के महीने में इस बार भी स्पर्श दर्शन नही मिलेगा. उन्हें श्रीकाशी विश्वनाथ के झांकी दर्शन से ही संतोष करना पड़ेगा. गौरतलब है कि सावन मास में हर साल बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. प्रयागराज से हजारों की संख्या में आसपास के जिलों के भक्त कांवर लेकर और डाक बम बनकर बाबा के दरबार पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की भी भीड़ होती है. ऐसे में भारी भीड़ को देखते हुए पिछले कुछ सालों से ऐसी व्यवस्था की जा रही है. इस बार भी झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा भक्तों को ज्यादा देर तक लाईन में न लगना पड़े और उन्हें सुगम दर्शन मिल सके, इसकी तैयारियां की जा रही हैं. उधर, भक्तों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर मंदिर प्रशासन ने इस बार स्थानीय भक्तों के दर्शन के लिए अलग से एक द्वार खोलने का आश्वासन दिया है. इसके अलावा आनलाइन दर्शन-पूजन और रुद्राभिषेक की व्यवस्था पर मंदिर प्रशासन मंथन कर रहा है.
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कांवरियों और डाक बम के दर्शन की भी हो रही व्यवस्था
देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन में भक्तों का रेला बाबा विश्वनाथ के दर्शन को उमड़ेगा. 22 जुलाई से सावन की शुरुआत को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आने वाले भक्तों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. हेल्पडेस्क से लेकर प्रसाद, फूल-माला और दूध का इंतजाम भी धाम में रहेगा. दर्शनार्थी मंदिर के बाहर की दुकानों की बजाए धाम के अंदर से ही बाबा को चढ़ाने के लिए प्रसाद और दूध ले सकेंगे. इसके लिए वीआईपी व प्रोटोकाल दर्शन के लिए अलग से इंतजाम किये गये हैं. बाबा के धाम में सावन के सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि पर भीड़ का दबाव अधिक होने के कारण स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी. भीड़ को देखते हुए धाम में प्रवेश के लिए दो और द्वार बनाए जाएंगे. इसके अलावा भक्त बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन भी कर सकेंगे. विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट, एप और धाम क्षेत्र में एलईडी पर इसका इंतजाम किया गया है. इस व्यवस्था को लेकर न्यास की अगली बैठक में इन बिंदुओं पर चर्चा होगी और उसे लागू किया जाएगा. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने कहा कि इस बार सावन में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई इंतजाम रहेंगे. सावन की कार्ययोजना तैयार हो रही है. कांवरियों और डाक बम के दर्शन की व्यवस्था भी की जा रही है.
पहले सोमवार को 50 हजार यादव बंधु करेंगे जलाभिषेक
सावन के पहले सोमवार को 18 राज्यों के 50 हजार यादव बंधु जलाभिषेक करेंगे. इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. इसे काफी शुभ माना जा रहा है. यादव वंधुओं के दर्शन-पूजन के लिए अलग से इंतजाम व्यवस्था की जा रही है. सावान इस बार 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक रहेगा. पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 5 अगस्त, चौथा सोमवार 12 अगस्त और पांचवां सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा.
घाटों पर किये जा रहे सुरक्षा प्रबंध
उधर, सावन में बाबा के दर्शन के लिए आनेवाले श्रद्धालु दशाश्वमेध, डा. राजेंद्र प्रसाद, मीरघाट और आसपास के घाटों पर गंगा स्नान भी करते हैं. प्रशासन स्नानार्थियों की सुविधा और दुर्घटना रोकने लिए सुरक्षा इंतजाम भी कर रहा है. घाटों पर एनडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती की जा रही है. नहाने के लिए घाट के किनारे घेरा बनाया जाएगा. इसके अलावा प्रयागराज से आनेवाले कांवरियों की सुरक्षा के लिए प्रयागराज से वाराणसी हाइवे के एक लेन को सुरक्षित कर दिया जाएगा.