शूद्र भी पहन सकते हैं जनेऊ, रामदेव देंगे 85 धर्मशास्त्रियों को दीक्षा
योग गुरु बाबा रामदेव राम नवमी के अवसर पर हरिद्वार में 25 मार्च को 85 धर्मशास्त्रियों को दीक्षा देंगे। इन धर्मशास्त्रियों में योगी सहित धार्मिक विद्वान भी शामिल होंगे। रविवार को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि 25 मार्च को धार्मिक समारोह का आयोजन किया जाएगा, जहां इन धर्मशास्त्रियों को रामदेव दीक्षा देंगे।
मंत्र के साथ बताएंगे व्रत रखने के फायदे
बयान में कहा गया है कि योग गुरु सभी लोगों को एक मंत्र देंगे और ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। इसके अलावा व्रत रखने के फायदे बताएंगे। सभी धर्मशास्त्रियों को इस राम नवमी के समारोह में अनुशासन से रहने की शिक्षा भी दी जाएगी।
दीक्षा लेने वालों के लिए बनाया जा रहा गांव
वहीं दीक्षा लेने वाले सभी लोगों के रहने के लिए एक गांव भी विकसित किया जा रहा है, इस गांव को इस तरह से बनाया जा रहा है जहां ये सभी धर्मशास्त्री आध्यात्मिकता के प्रति खुद को समर्पित करते हुए अपना जीवन जी सकें।
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दीक्षा लेने के बाद दलित भी पहन सकते हैं जनेऊ
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाबा रामदेव का कहना है कि जनेऊ के लिए कहा जाता है कि इसे केवल ब्राह्मण ही पहनते हैं, लेकिन दीक्षा लेने के बाद इसे शूद्र भी पहन सकते हैं।
किसी भी समुदाय के लोग पहन सकते हैं जनेऊ
उन्होंने कहा, ‘ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र, हर कोई संन्यासी बनने के लिए हमारे पास आता है। ऐसा कहा जाता है कि जनेऊ केवल ब्राह्मण ही पहन सकते हैं, लेकिन हमने निम्न वर्ग के कई लोगों को यहां तक कि महिला संन्यासियों को भी जनेऊ पहनने के लिए कहा।’
23 साल पहले संन्यासी बने थे बाबा रामदेव
आपको बता दें कि इस राम नवमी को रामदेव के संन्यासी बनने के 23 साल पूरे हो जाएंगे। 85 ब्रह्मचारियों और ब्रह्मचारिणियों को संन्यास दीक्षा देने पर रामदेव ने कहा है कि ये संन्यासी ही उनके उत्तरदायित्वों को निभाएंगे। इन सभी संन्यासियों मेंर 50 ब्रह्मचारी और 35 ब्रह्मचारिणी हैं।
इंजीनियर और एमबीए पास बन रहे संन्यासी
इनमें से बहुत से लोग इंजीनियर हैं तो कुछ लोग एमबीए पास हैं। रामदेव ने इन संन्यासियों को चुनने के लिए बेहद की कठिन परीक्षा ली। सभी लोगों से चारों वेदों की ऋचाओं से जुड़े हुए कई सवाल पूछे गए।
परम वैभवशाली भारत बनाने की तैयारी
रामदेव ने कहा है कि वह 2050 तक एक आध्यात्मिक और आर्थिक शक्ति संपन्न परम वैभवशाली भारत बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इस खातिर 85 धर्मशास्त्रियों को संन्यास की दीक्षा दी जा रही है।