अवनि लेखरा : 11 साल की उम्र में टूट गई थी रीढ़ की हड्डी, ऐसा रहा दर्दनाक हादसे से गोल्ड जीतने तक का सफर

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन एक ओर जहां भारत के लोग नंद गोपाल के जन्म की तैयारियों और जश्न में डूबे है तो वहीं पैरालंपिक में देश के लिए पहला गोल्ड हासिल कर अवनी लखेड़ा ने भारतीयों की खुशियों को दोगुना कर दिया है।

टोक्यो पैरालिंपिक में शूटिंग की महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल SH1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। यह इन खेलों में भारत का पहला स्वर्ण पदक है। 19 वर्षीय अवनि लेखरा ने फाइनल में 249.6 का स्कोर हासिल कर यह मेडल अपने नाम किया।

Avani-Lekhara

अवनि लेखरा पहली बार पैरालिंपिक खेलों में खेल रही हैं और इन खेलों में गोल्ड जीतने वालीं वह पहली भारतीय महिला हैं। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में अवनि विश्व रैंकिंग में पांचवे पायदान पर मौजूद हैं।

कार एक्सीडेंट में लगी गहरी चोट-

Avani-Lekhara

अवनि लेखरा कभी बिल्कुल स्वस्थ थीं लेकिन साल 2012 में जब वह 11 साला की थी, एक दिन वह अपने पिता के साथ एक कार में सवार होकर कहीं जा रही थीं। इस दौरान उनकी कार दुर्घटना का शिकार हो गई।

इस एक्सीडेंट में अवनि लेखरा के स्पाइनल कोर्ड में चोट (रीढ़ की हड्डी में चोट) लग गई थी। कॉर्ड इंजरी के चलते पैरालाइज हो गईं थीं। वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकतीं।

भारत ने जीते हैं इतने गोल्ड मेडल-

Avani-Lekhara

पैरालिंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वालीं अवनी चौथी भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। वह पैरालिंपक में गोल्ड जीतने वालीं पहली महिला भारतीय हैं।

उनसे पहले स्वीमर मुरलीकांत पेटकर (1972), भाला फेंक में देवेंद्र झझारिया (2004 और 2016) और ऊंची कूद में थंगावेलु मरियप्पन (2016) यह कारनामा अपने नाम कर चुके हैं।

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