इस लेखक को कभी नहीं मिल रहा था कोई प्रकाशक, आज करोड़ों में बिक रही हैं किताबें

0

किसी भी लेखक के लिए वो दौर सबसे बुरा होता है जब उसके द्वारा लिखी हुईं किताबों को प्रकाशन के लिए कोई नहीं मिलता है। लेकिन कभी-कभी किस्मत का सिक्का ऐेसे चलता है कि वही लोग किताब का प्रकाशन करने के लिए आपके दरवाजे पर लाइन लगाए रहते हैं जिन्होंने कभी आपके उस दौर में साथ देने से कतरा गए थे जब आप को उनकी जरुरत थी।

इसीलिए कहते हैं कि किसी भी इंसान के बुरे वक्त में साथ देना समझ लीजिए उसके लिए आप भगवान के बराबर हो जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है एक लेखक की। जिनका नाम अमीश त्रिपाठी है। और अबतक उनकी चार किताबों ने करीब करोड़ों का बिजनेस कर चुकी हैं। कभी जिस किताब को छापने के लिए प्रकाशक नहीं मिल रहे थे आज उसी किताब से अमीश त्रिपाठी की पहचान है।

2010 से अबतक अमीश त्रिपाठी की चार किताबों ने 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है। अमीश त्रिपाठी का एक बैंकर से लेखक का सफर आसान नहीं था। उड़ीसा और तमिलनाडु में पले-बढ़े अमीश के घर का माहौल कुछ अलग था। उनके दादाजी बनारस में पंडित थे जिन्होंने ही उनकी पौराणिक कथाओं में रूचि जगाई।

यह भी पढ़ें : कश्मीर की इस बेटी ने किया देश का नाम रौशन, अमेरिका को हराकर जीता गोल्ड मेडल

उन्होंने बताया कि उनके घर का माहौल ही कुछ ऐसा था जिसने उन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया। अमीश हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद मुम्बई चले गए। इसके बाद आईआईएम कोलकाता से एमबीए किया। बैंकर के तौर पर करियर की शुरूआत की। कई प्राइवेट बैंकों के साथ काम किया। 2004 से लगभग पांच साल तक अमीश पुराणों पर लिखत रहे।

2010 में उनकी पहली किताब ‘द इमार्टल्स ऑफ मेलहुआ’ तैयार थी। अमीश ने बताया कि 20 से ज्यादा प्रकाशकों ने उनकी किताब को छापने से मना कर दिया। वहीं आज उन्होंने अब तक 35 लाख किताबें बेच चुके हैं। साथ ही सबसे तेजी से बिकने वाली किताबों में से एक हैं अमीश त्रिपाठी की किताब। अमीश की शिवा सीरिज में से तीन ‘द ईमार्टल्स ऑफ मेलहुआ’, ‘द सीक्रेट ऑफ नागाज’ और ‘द ओथ ऑफ वायुपुत्र’ सबसे तेजी से बिकने वाली किताबों में से हैं।

वही अब अमीश जल्द ही भगवान राम पर अपनी सीरिज शुरू करने वाले हैं जिसका पहला संस्करण बाजार में आ चुका है। आज अमीश मुम्बई में 12 लोगों के स्टाफ के साथ अपने सपने को पूरा करने में जुटे हैं। उनकी किताबों की मार्केटिंग का दारोमदार इस टीम के ऊपर है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More