अंकल हमें गरम तेल और नशे की दवा देकर कराते थे गंदा काम

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हमें हर रात कोई दवा दी जाती थी, जिसके कारण नशा सा होता था। आंटी (Aunt) हमें बृजेश सर के कमरे में सोने के लिए कहती थीं, जहां पर वह कई आने-जाने वालों से मिला करते थे। दवा ना खाने पर पिटाई और जान से मारने की धमकी दी जाती थी। कई बार हम पर गरम पानी और खौलता तेल भी फेंका जाता था। इन सब से बचने के लिए लड़कियां अपने शरीर को शीशे से काट देती थीं, जिससे कि उन्हें गंदे काम में ना ढकेला जा सके।

पूरी रात नशे में रहती थीं लड़कियां

यह बयान उन नाबालिग लड़कियों के हैं जिन्हें बीते दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम से पुलिस द्वारा बचाया गया था। शनिवार को इन सभी लड़कियों को पटना की पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया तो किसी काले सपने की तरह इन लड़कियों ने अदालत को अपनी आपबीती सुनाई।

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पॉक्सो कोर्ट में पेश हुई एक 10 वर्ष की बच्ची ने बताया कि हर रात शेल्टर होम में उन्हें दिए जाने वाले खाने में नशीली दवा मिला दी जाती थी, जिसके कारण सारी रात नशा रहता था। अगर कोई भी यह नशीला खाना खाने से इनकार करता था तो उसकी पिटाई की जाती थी। बच्ची ने कहा कि उसे शेल्टर होम में काम करने वाली आंटी बृजेश के रूम में सोने के लिए कहती थी और कई बार सुबह उठने पर उसे उसके कपड़े जमीन पर पड़े मिलते थे।

शेल्टर होम में हो रहे यौन शोषण के दंश से आजाद

मुजफ्फरपुर की रहने वाली इस बच्ची की कहानी भी 10 से 18 साल की उम्र के बीच आने वाली उन तमाम बच्चियों की तरह है जिन्हें शेल्टर होम में हो रहे यौन शोषण के दंश से आजाद कराया गया है। शनिवार को आई मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार शेल्टर होम से छुड़ाई गई लड़कियों में से अब तक 34 के साथ रेप की पुष्टि हुई है।

बचने के लिए लड़कियां शीशे के काट लेती अपने हाथ और पैर

शेल्टर होम से छुड़ाई गई एक अन्य लड़की ने कहा कि आरोपी बृजेश लड़कियों को अपने ऑफिस में ले जाकर उनका यौन शोषण करता था और कई बार उनपर जलता हुआ तेल या गर्म पानी भी फेंका जाता था। इन सब के बीच हताश होकर कई लड़कियों ने खिड़की के टूटे शीषे से अपने हाथ और पैर काट लिए, जिससे कि उन्हें ‘गंदे काम’ में ना ढकेला जा सके।

रोशनी जाने के लिए कुछ रोशनदान ही बनाए गए थे

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के आसपास रहने वाले तमाम लोगों ने भी यहां कुछ संदिग्ध गतिविधियां होने की बात स्वीकारी है। शेल्टर होम के पास रहने वाली एक महिला ने बताया कि अक्सर लोगों को शेल्टर होम से लड़कियों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी। शेल्टर होम में कोई खिड़की नहीं थी और घर में रोशनी जाने के लिए कुछ रोशनदान ही बनाए गए थे। वहीं एक अन्य महिला ने कहा कि शेल्टर होम में रहने वाली कोई भी लड़की इसके कैंपस के बाहर या छत पर टहलते नहीं मिलती थीं।

अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है

बता दें कि इसी साल मई महीने में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था। इस मामले में शनिवार तक कुल 34 लड़कियों के साथ बालिका गृह में यौन शोषण की पुष्टि हुई है। साथ ही पूर्व में इस संबंध में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। शेल्टर होम से लड़कियों के गायब होने का मामला भी सामने आया था, जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर इस मामले के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिहार सरकार ने अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। साभार

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