सावधान ! शादी के सीजन में दावत, कहीं लग न जाए लाखों का चूना…

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त्यौहारों के सीजन खत्म होने के बाद देश में शादियों के सीजन की शुरूआत हो गई है. जहां एक तरह इस साल 48 लाख शादियों में 6 लाख करोड़ रुपये के खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है, वहीं इस कमाई का एक हिस्सा स्कैमर अपनी झोली में भी सरकाने का प्लान बना रहे है. इसके लिए उन्होंने ठगी का जो एक नया तरीका अपनाया है वो है शादी के कार्ड के माध्यम से लोगों को ठगना . इस बात का खुलासा हिमाचल पुलिस द्वारा किया गया है. हिमाचल पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट को इससे जुड़ी कई शिकायतें मिली है, जिसमें शादी के कार्ड के जरिए वॉट्सएप और इंस्टाग्राम को हैक कर करके लोगों को ठगा जा रहा है.

कैसे होती है शादी के कार्ड से ठगी ?

ठगी को अंजाम देने के लिए अब साइबर अपराधियों ने शादी के कार्ड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसको लेकर हिमाचल पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधी शादियों के डिजिटल कार्ड को व्हाट्सएप पर शेयर करते हैं. यह ऐसी फाइल है जिसको डाउनलोड करने से आपके मोबाइल में एक मॉलवेयर नामक वायरस आ जाता है. इसकी मदद से साइबर अपराधी आपका पूरा डेटा चोरी करके आपके बैंक खातों को खाली कर सकते हैं. इसलिए यदि आपके पास भी किसी अनजान नंबर से शादी का कार्ड आता है तो, उसे डाउनलोड करने से पहले सोच लें.

डीआईजी ने ठगी को लेकर कही ये बात

ठगी के इस नए तरीके की जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश के साइबर क्राइम विभाग के डीआईजी मोहित चावला ने कहा है कि, उन्हें बीते कुछ दिनों से शिकायत मिल रही है, जिसको लेकर पुलिस की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है. इमें लोगों को ठगी के नए तरीके के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ताकि ऐसे मैसेज आने पर लोग डरे नहीं बल्कि होशियारी से काम लें.

शादी के नाम पर इस ठगी से बचने के उपाय

वहीं ठगी के इस नए तरीके से बचाव के लिए कई सारे तरीके पुलिस प्रशासन की तरह से जारी किए गए हैं, जिनका उपयोग करके आप इस ठगी से बच सकते हैं. पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि यदि उनके पास किसी अज्ञात नंबर से शादी का कार्ड, कोई लिंक या कोई संदिग्ध फाइल आती है तो, उसको गलती से भी न खोले और ना ही डाउनलोड करें. साथ ही यदि परिचित नंबर से कार्ड भेजा गया है तो भी एक बार उस शख्स से कार्ड को वेरिफाई कर लें. इसके अलावा यदि, कार्ड भेजने वाला व्यक्ति जानकार हो और फाइल को स्त्रोत विश्वसनीय हो. यदि नंबर अनजान हो तो संदिग्ध फाइल को तत्काल डिलीट करके नंबर को ब्लॉक कर दें.

हर रोज लगभग 60 करोड़ लोग होते हैं ठगी का शिकार

भारत में साइबर क्राइम के मामले साल दर साल बढते ही जा रहे हैं जो कि सरकार, प्रशासन और आमजन हर किसी के लिए चिंताजनक है. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल यानी एनसीआरबी के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में साइबर क्राइम की करीब 7.5 लाख शिकायते दर्ज की गई हैं. वहीं जनवरी से जून के बीच में साइबर फ्रॉड्स में 11 हजार 269 करोड़ रूपए की ठगी की गई है. इसी प्रकार हर रोज करीब 60 हजार करोड़ रूपए की ठगी की जाती है. इसके साथ ही हर घंटे करीब 97 लोग साइबर ठगी का शिकार बनते हैं.

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ठगी के अब तक कितने तरीकों का इस्तेमाल कर चुके स्कैमर्स

ठगी (या स्कैम) के कई प्रकार हैं और समय के साथ ये लगातार विकसित हो रहे हैं. अब तक स्कैमर्स ने अनेक तरीकों का इस्तेमाल किया है, जिनमें से कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं: वॉयस फ़िशिंग,SMS स्कैम,ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम, लॉटरी या पुरस्कार स्कैम,रूममेट/हाउस रेंट स्कैम,डिजिटल अरेस्ट, डेटिंग/लव स्कैम,बैंकिंग स्कैम,स्मिशिंग आदि कई तरीकों से स्कैमर्स ठगी को अंजाम देने का काम कर रहे हैं. ऐसे में ठगी के इन तरीकों में एक और नाम जुड गया है शादी के कार्ड का स्कैम.

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