सावधान ! कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं लाल जहर
छापेमारी कर नकली और रंगीन आलू का भंडाफोड़
वाराणसी: आलू को सब्जी का राजा कहा जाता है. आलू ऐसी सब्जी है जो बहुत उपयोगी है, चाहे वो किसी सब्जी में डालना हो या अलग से कोई रेसिपी बनाना हो, हर जगह आलू का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल आलू सब्जियों का राजा तो मिर्च को सब्जियों की रानी कहा जाता है.
नकली लहसुन, चावल के बाद नकली आलू
अभी तक आपसे सुना कि बाजार में नकली चावल, नकली लहसुन आ रहा है लेकिन हद तो तब हो गई जब अब बाजार में नकली आलू की बड़ी खेप पकड़ी गई है. बलिया में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा छापेमारी कर नकली और रंगीन आलू का भंडाफोड़ हुआ जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. अधिकारियों ने पाया कि व्यापारी अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.
छापेमारी कर पकड़ा गया नकली आलू
खाद्य अधिकारी डॉ. वेद प्रकाश मिश्र ने बताया कि मंडी में नकली आलू की शिकायतें लगातार मिल रही थीं. तत्परता से की गई कार्रवाई में 21 क्विंटल कृत्रिम रंगीन आलू जप्त किए गए, जिनकी कीमत लगभग 56000 रुपये है. ये आलू गेरुआ मिट्टी और अन्य केमिकल्स के जरिए चमकदार बनाए गए थे, ताकि ग्राहक धोखे में आकर इन्हें खरीदें.
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किडनी-लीवर को खराब कर रहा नकली आलू
बलिया जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजयपति द्विवेदी ने कहा कि गेरुआ मिट्टी और केमिकल्स से रंगे आलू लीवर और किडनी को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इसका सेवन किडनी की कार्यक्षमता को धीरे-धीरे समाप्त कर सकता है और सूजन, कब्ज, भूख न लगने जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है. उन्होंने जनता से सावधान रहने की अपील की और लोकल 18 को जन जागरूकता के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया.
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नकली आलू की पहचान कैसे करें ?…
खुशबू से पहचानें: असली आलू में प्राकृतिक खुशबू होती है, जबकि नकली आलू से केमिकल की गंध आ सकती है.
आलू को काटकर जांचें: असली आलू का अंदरूनी रंग बाहरी रंग से मेल खाता है, जबकि नकली आलू में यह असामान्य हो सकता है.
पानी में डुबोकर पहचानें: असली आलू पानी में डूब जाते हैं, जबकि नकली आलू या केमिकल से भारी किए गए आलू तैर सकते हैं.