खंडहर में तब्दील हो चुके इस घर से जुड़ी हैं अटल की यादे
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने जिस घर में बचपन बिताया और जवानी में राजनीति शुरू की वह खंडहर बन चुका है। आस-पास चार घर के अलावा हर तरफ वीरानी छाई हुई है। खंडहर में बबूल उग आए हैं। हालांकि गुरूवार को अटलजी के निधन के बाद सीएम योगी ने उनकी स्मृतियों को सहेजने का एलान किया तो शुक्रवार को अधिकारी उनके गाँव बटेश्वर पहुंचे।
तो शुक्रवार को अधिकारी उनके गाँव बटेश्वर पहुंचे
आगरा शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर बटेश्वर गांव में जाने के लिए बीहड़ के बीच से गुजरना होता है। चार फीट चौड़े साइकिल पथ की वजह से गांव को सड़क तो मिल गई है लेकिन इस सड़क से 300 मीटर दूर वाजपेई मोहल्ला है। जहां का रास्ता क्षतिग्रस्त हो रहा है। मुख्य सड़क से उतरकर वाजपेई मोहल्ला जाते ही दोनों ओर से बीहड़ के बीच से हवा की सनसनाती आवाज आती है।
अटल बिहारी वाजपेई का बचपन से जवानी बीता
सड़क के दोनों तरफ खंडहर हो चुके एक दर्जन घर हैं। आगे बढ़ने पर अटल जी के भतीजे रमेश चंद्र वाजपेई का घर दिखता है। उनके घर से सटा हुआ बड़ा खंडहर है। रमेश चंद्र वाजपेई इशारा करते हुए बताते हैं कि यहीं पर अटल बिहारी वाजपेई का बचपन से जवानी बीता। रमेश चंद्र ने बताया कि जब वह बच्चे थे तब अटल जी को घर से राजनीति करते देखा है। तब अटल जी नौजवान थे।
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यह घर जनसंघ के लिए केंद्र के समान था लेकिन करीब 1985 के बाद से यहां अटल जी ने आना कम कर दिया। घर खंडहर होता गया। इतने सालों में पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। घर की कुछ दीवारें बची हुई हैं, जो अपने आप ढह रही हैं। चारो तरफ बबूल के पेड़ उग आए हैं।
रमेश चंद्र वाजपेई रंग रोगन करवाते हैं
कांटे भरे इन पेड़ों के बीच से जाना मुश्किल भरा है। अटलजी के घर की स्मृति बचाए रखने के लिए वहां पर दस साल पहले चबूतरा बना दिया गया है। इसे रमेश चंद्र वाजपेई रंग रोगन करवाते हैं। इस चबूतरे के आस-पास जंगली बबूल के पेड़ हैं। अंतिम बार अटल बिहारी वाजपेई रेल लाइन का शिलान्यास करने के लिए गांव में आए थे।
गांव के विकास में पूरा सहयोग देने की बात कही है
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद अब उनके गांव में अधिकारियों का पहुंचना शुरू हो गया है। बाह की वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक रानी पक्षालिका और राजा अरिदमन सिंह ने भी गांव के विकास में पूरा सहयोग देने की बात कही है।
सारा लेखा जोखा शासन को भेज रहे हैं
शुक्रवार को बाह तहसील के एसडीएम अरुण कुमार दल बल के साथ अटल जी के पैतृक गांव पहुंचे। अटल जी के खंडहर बन चुके मकान के अवशेषों का निरीक्षण करने के बाद वहां पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के बाद दो मिनट का मौन रखा गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी उनके पास अभी कोई लिखित आदेश नही आया है पर वो यहां का सारा लेखा जोखा शासन को भेज रहे हैं।साभार
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