सौम्य राजनेता, प्रखर वक्ता, कुछ ऐसी थी अटल बिहारी वाजपेयी की शख्सियत
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सदैव अटल स्मारक जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी है और प्रार्थना सभा में भाग लिया। देश के महान नेता की याद में आज पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पीछे एक समृद्ध परम्परा छोड़ी है जो आने वाले वर्षों में भी बनी रहेगी। उन्होंने आर्थिक नीतियों को गति प्रदान की, बुनियादी ढांचे से जुड़ी व्यापक परियोजनाएं शुरु कीं और राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया।
उनके नेतृत्व में ही भारत ने 1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण कर परमाणु संपन्न देश के रूप में भारत की स्थिति मजबूत की। वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था।
वे भारत के पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने 1977 में संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया। एक प्रखर वक्ता होने के अलावा, वे एक लेखक कवि, निस्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार भी थे।
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