ये ‘गुझिया’ कहीं आपको बीमार न बना दे

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त्योहारों का सीजन शुरू होते ही मिलावटखोरी का धंधा भी अपने चरम पर पहुंचने लगता है। 1 और 2 मार्च को होली का त्योहार है, जिसकी वजह से हर किसी को खोया की डिमांड है। खोए की डिमांड को पूरा करने के लिए खोया व्यापारी मिलावटी का खेल शुरू कर देते हैं। ऐसे में खोए के नाम पर नकली मावा और और खोया खूब मार्केट में आ जाता है। मिलावटखोरी के इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए एफएसडीए की टीम ने कमर कस ली है और नकली मावा, खोया की बिक्री पर लगाम लग सके इसके लिए पूरी तैयारी में है।

एफएसडीए की टीम ने मारा छापा

बता दें कि एफएसडीए की टीम ने इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए जगह-जगह छापेमारी का अभियान चला रही है। बीते शुक्रवार को एफएसडीए की टीम ने लखनऊ शहर की कई खोया मंडियों में छापा मारकर खोए का सैंपल लिया। एफएसडीए के डीओ (अभिहित अधिकारी) के मुताबिक कुछ सूत्रों से जानकारी मिली थी कि शहर में चल रही खोया मंडियों में मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है। जिसको देखते हुए छापेमारी की गई। डीओ के मुताबिक शहर में चल रही चार खोया मंडियों पर एक साथ छापेमारी की गई ताकि मिलावटखोर भागने न पाएं। एफएसडीए की अलग अलग चार टीमें बनाई गईं और चारों टीमों को एक साथ छापा मारने के निर्देश दिए गए। एक साथ चारों मंडियों में छापा मारा गया जिसमें 17 सैंपल लिए गए।

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लखनऊ के आसपास के जिलों से आता है खोया

डीओ के मुताबिक राजधानी लखनऊ के आसपास के जिलों से खोया आता है, इन जिलों में हरदोई, संडीला, सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव शामिल हैं। वहीं संडीला से आने वाले खोए पर सबसे ज्यादा नजर रहती है क्योंकि कुछ दिन पहले संडीला में नकली दूध बनाने का पर्दाफाश किया गया था।

ये है असली-नकली का गणित

मौजूदा समय में दूध की कीमत 50 रुपये प्रति लीटर है। एक किलो खोया तैयार करने में पांच लीटर दूध की आवश्यकता होती है। ऐसे में एक किलो खोया तैयार करने के लिए 250 रुपये और कम से कम 30 रुपये ईंधन का खर्च आता है। कुल मिलाकर 280 रुपये में शुद्ध खोया तैयार होता है। जिसे कम से कम 320 रुपये प्रति किलो में बेचा जाना चाहिए। जबकि खोया मण्डी में 200 रुपये से 220 प्रति किलो तक खोया बेचा जा रहा है। कीमतों के इस भारी अंतर से मिलावट का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।

ऐसे करें नकली खोया की पहचान

मिलावटी मावा ज्यादा भुनने पर काला पड़ने लगता है और असली ज्यादा भुनने पर लाल हो जाता है।
थोड़ा सा मिलावटी खोया हथेली में रखकर उसमें आयोडीन मिलाकर रगड़ें। खोया काला हो जाये तो समझें यह मिलावटी खोया है।
मिलावटी खोया को हथेली पर रगड़ें तो चिकनाहट के साथ ही यूरिया की गंध आती है।
मिलावटी दूध का स्वाद कड़वा होता है। यूरिया मिले होने की वजह से हल्का पीलापन आ जाता है। हाथ के बीच रखकर रगड़ें तो चिकनाहट महसूस होती है।

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