एसोचैम का दावा, पूंजी बाजार में निवेश को मिलेगी गति
इस साल निजी (पीई) और वेंचर कैपिटल (वीसी) द्वारा निवेशित कई कंपनियां पूंजी बाजार में कदम रखने वाली हैं। यहां तक कि एकीकरण और अधिग्रहण (एमएंडए) भी भारत में पीई और वीसी के बाजार से निकलने का पसंदीदा तरीका है। यह जानकारी एसोचैम डिलाइट के सर्वेक्षण से मिली है। पीई हासिल करने वाली कंपनियां साल 2017 में पूंजी बाजार में कदम रखेगी, जिसे निजी इक्विटी फंड को पहले वेंचर फंड से बाहर निकलने का मौका मिलेगा।
उदाहरण के लिए गैरनवीकरणीय ऊर्जा कंपनी का 60 करोड़ डॉलर के आईपीओ लाने की योजना है, जिसका वित्तपोषण एक वैश्विक प्रमुख निजी इक्विटी कंपनी कर रही है। इसी तरह से एक प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज 60 करोड़ डॉलर का आईपीओ लाने की योजना बना रही है। इससे 6 से ज्यादा निजी इक्विटी निवेशक को पूर्ण या आंशिक रूप से निकलने का मौका मिलेगा।
एसोचैम डिलाइट के संयुक्त सर्वेक्षण में बताया गया कि आनेवाले दिनों में एमएंडए बाहर निकलने का पसंदीदा विकल्प बना रहेगा। ऐतिहासिक रूप से चीन की तुलना में भारत में निजी इक्विटी फंड का बाहर निकलने का पसंदीदा रास्तों में से आईपीओ एक नहीं था। चीन में ऐतिहासिक और अकादमिक शोधों से यह साबित हुआ है कि बाहर निकलने का आईपीओ एक पसंदीदा रास्ता है। जबकि भारत में एमएंडए तरीका अधिक प्रभावी रही है।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने बताया, “इस साल भारत में निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश में मंदी देखी गई। लेकिन 2016 के अंत और 2017 के शुरुआत में इसमें तेजी आई है। इसलिए कंपनियों के बीच सौदों में तेजी आने की उम्मीद है।
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निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल कंपनियां भी वित्त जुटा रही है और भारत में निवेश की तैयारी कर रही है।”भारतीय कंपनियों द्वारा कर्ज घटाने और एकीकरण से पीई/वीसी फंड को भविष्य में एमएंडए रास्ते से भी निकलने का मौका मिलेगा। सेकेंडरी बिक्री और खुले बाजार से निकलने का रास्ता भी निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेशकों के निकलने का प्रमुख रास्ता बना रहेगा।