ओवैसी: मुस्लिमों को लेकर सरकार पर तंज, भागवत के बयान पर किया कंडोम का जिक्र
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या वाले बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने मुस्लिमों को लेकर कहा कि देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां मुसलमान खुली जेल में जिंदगी काट रहा है. वहीं, भागवत को जवाब देते हुए कहा कि मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही है. तुम बेकार में टेंशन में मत डालो.
मुस्लिमों को लेकर ओवैसी ने कहा
‘देख लीजिए कि देश में क्या हो रहा है. उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है. जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां मुसलमान खुली जेल में जिंदगी काट रहा है. मदरसों को गिराया जा रहा है. गुजरात में क्या हुआ बताइए. कहा गया कि मुसलमानों ने डांडिया में पत्थर फेंके. पुलिस ने मुस्लिम नौजवानों की पकड़ा और उन्हें बीच रास्ते पर लेकर आए. इन लोगों को एक खंभे से बांध दिया गया. वहां पर 300-400 लोग खड़े थे. पुलिसकर्मी जैसे ही मुसलमान की पीठ पर लाठी मारता है, वहां बैठे लोग नारे लगाने लगते हैं.’
ओवैसी ने कहा
‘मुसलमान को सड़क पर लाकर मारा जाना जुल्म नहीं तो क्या है? क्या यही हमारी इज्जत है? क्या यही भारत का लोकतंत्र है? क्या यही हमारी जान की कीमत है? क्या यह भारत का संविधान है? आखिर मौलिक अधिकार, कानून-व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता कहां है? सड़क के कुत्ते की इज्जत है लेकिन मुसलमान की नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप क्यों हैं? मोदी जिस राज्य के मुख्यमंत्री थे, वहां पुलिसवाले मुसलमान को सड़क पर लाकर लाठी से मारते हैं और वहां खड़े लोग सीटी मारते हैं। इसकी वीडियो बनाई जाती है.’
ओवैसी ने कहा
‘मैं पूछता हूं कि कोर्ट किस लिए है? पुलिस किस काम के लिए है? इन्हें बंद कर दीजिए. चुनाव आएगा तो लोग बोलेंगे कि ओवैसी को वोट मत दो, लेकिन मैं आपसे दूर नहीं होने वाला हूं. जिस किसी पर भी जुल्म होगा, मैं उसके साथ रहूंगा. मैं जालिम का साथ नहीं दे सकता हूं. जब तक मेरी जिंदगी है, मैं लड़ता रहूंगा.’
उधर, दशहरे पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने अपने बयान में बढ़ती जनसंख्या का मुद्दा उठाया था. भागवत ने कहा था कि जनसंख्या असंतुलन के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. इसको लेकर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक जनसभा के दौरान अपनी प्रतिक्रिया दी है.
ओवैसी ने कहा
‘मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही है. तुम बेकार में टेंशन में मत डालो, नहीं बढ़ रही है. आबादी गिर रही है हमारी. मुसलमानों का टीएफआर गिर रहा. दो बच्चे पैदा करने के बीच सबसे ज्यादा अंतर मुसलमान रख रहे हैं. सबसे ज्यादा कंडोम हम इस्तेमाल कर रहे हैं. मोहन भागवत इस पर नहीं बोलेंगे.’
#WATCH | On RSS chief Mohan Bhagwat's statement that there's a religious imbalance in India, AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "Don't fret, Muslim population is not increasing, it's rather falling… Who's using condoms the most? We are. Mohan Bhagwat won't speak on this." pic.twitter.com/kcaYLaNm7A
— ANI (@ANI) October 8, 2022
बता दें मोहन भागवत ने अपने भाषण के दौरान कहा था
’75 वर्ष पूर्व हमने इसका अनुभव किया ही है और 21वीं सदी में जिन तीन नए स्वतंत्र देशों का अस्तित्व विश्व में हुआ, ईस्ट तिमोर, दक्षिणी सुडान और कोसोवा, वे इंडोनेशिया, सुडान और सर्बिया के एक भूभाग में जनसंख्या बिगड़ने का ही परिणाम है. जब-जब किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की मौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है. जन्मदर में असमानता के साथ-साथ लालच, लोभ, जबरदस्ती से चलने वाला मतांतरण व देश में हुई घुसपैठ भी बड़े कारण हैं.’
भागवत ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी जरूरी मुद्दा है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता.
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