दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देनेवाले अरविन्दर सिंह लवली ने थाम लिया भाजपा का दामन

कई दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविन्दर सिंह लवली ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. बता दें कुछ दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. लवली के अलावा कांग्रेस नेता राजकुमार चौहान, अमित मलिक, नसीब सिंह और नीरज बसोया ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है. लवली केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता हासिल कर ली है.

Also Read : रोहित वेमुला मामले की तेलंगाना पुलिस फिर करेगी जांच, क्लोजर रिपार्ट पर परिवार ने जताया था संदेह

भाजपा ने थामा हाथ जब खोए-खोए घूम रहे थे

उन्होंने लिखा जब वह और उनके समर्थक खोए-खोए घूम रहे थे तब भाजपा ने उनको शरण दी है. बोले कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिये उनके बस में जो भी होगा वह भाजपा और पीएम मोदी के लिये करेंगे. हम मोदी का हाथ और मजबूत करने का काम करेंगे.

चिट्ठी लिखकर जताई थी नाराजगी

अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने लिखा था कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया. लवली ने ये भी कहा था कि दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ तीन ही सीटें ही दी गईं. लवली इस बात को लेकर भी नाराज बताए जा रहे थे कि इन तीन सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दी गईं. सूत्रों के अनुसार कन्हैया कुमार और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान को टिकट नहीं मिलने से भी नाराज थे. बता दें कि पिछले महीने में मीडिया रिपार्ट में यह दावा किया गया था कि दिल्ली कांग्रेस मीटिंग में कन्हैया कुमार को लेकर कांग्रेस नेता आपस में भिड़ गये थे. वहीं उसी के बाद लवली ने दिल्ली के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस ने बच्चे की तरह पाला

वहीं कांग्रेस की तरफ से भी इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया दिया गया है. दिल्ली कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने अरविंद सिंह लवली पर कहा कि कांग्रेस ने उन्हें बच्चे की तरह पाला, तीन बार विधायक, मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2017 में चुनाव के दौरान धोखा दिया था, अब फिर से उन्होंने धोखा दिया. ऐसे लोगों के जाने से इस विशाल पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है.