लखनऊ पोस्टर मामला: SC का इलाहाबाद HC के फैसले पर रोक लगाने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को लखनऊ में लगे पोस्टर पोस्टर हटाने को कहा
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करने वाले होर्डिंग्स लगाने के मामले में सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार किया है। साथ ही मामले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि किस कानून के तहत आम आदमी की तस्वीरें लगाई गई हैं।
मालूम हो कि 9 मार्च को लखनऊ हिंसा के आरोपियों के पोस्टर के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पोस्टर हटाने का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 16 मार्च तक पोस्टर हटाने को कहा था।
चौराहों पर टंगवाए थे 53 उपद्रवियों के पोस्टर-
पिछले साल दिसंबर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करते हुए जिला प्रशासन ने उनके नाम-पते वाले होर्डिंग्स लगाए थे। इसी पर अब अदालत ने पूछा है कि किस कानून के तहत यह कार्रवाई की गई।
होर्डिंग्स पर नामित लोगों को हिंसा के दौरान लखनऊ में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए मुआवजा देने के लिए कहा गया है। होर्डिंग्स में कहा गया है कि यदि आरोपी जल्द ही भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनकी संपत्ति संलग्न की जाएगी।
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