…ताकि फिर न कोई बन सके दूसरा केजरीवाल

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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने इस बात का इंतजाम कर लिया है कि अब उनके आंदोलन से कोई ‘अरविंद केजरीवाल’ ना बन पाए। 23 मार्च से अन्ना हजारे एक बार फिर आंदोलन करने जा रहे हैं। दिल्ली में होने वाले इस आंदोलन का मुद्दा सक्षम लोकपाल की नियुक्ति के लिए दबाव बनाना और किसानों के मुद्दों को सामने लाना है।

हलफनामा लेंगे कि वे राजनीति में नहीं जाएंगे

इस आंदोलन से पहले अन्ना हजारे ने 20 सदस्यीय नई राष्ट्रीय कोर समिति का एलान किया है। हजारे ने एक बयान में कहा कि अलग-अलग राज्यों से आने वाले नए सदस्यों ने हलफनामा दिया है कि वे कभी भी राजनीति पार्टी में शामिल नहीं होंगे या चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि अन्ना हजारे ने हाल में कहा था कि उनके आंदोलन से ‘एक और केजरीवाल’ नहीं निकलेगा। उस वक्त अन्ना ने कहा था कि वह अपने आंदोलन में शामिल होने वालों से हलफनामा लेंगे कि वे राजनीति में नहीं जाएंगे।

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आपको बता दें कि साल 2011 में दिल्ली के रामलीला मैंदान में हुए अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल सुर्खियों में आए थे। अन्ना हजारे हमेशा से ये चाहते थे कि उनके आंदोलन से जुड़े लोग राजनीति में ना जाए। फिर भी अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी नाम से राजनीतिक दल का गठन कर लिया था।अरविंद केजरीवाल की इस हरकत के बाद अन्ना हजारे ने उनसे दूरी बना ली थी।

सरकार हमें जेल में डालना चाहे तो डाल दे

अब अपने आंदोलन से पहले अन्ना हजारे इस बात को लेकर आश्वस्त होना चाह रहे हैं कि उनके साथ जुड़ा कोई शख्स राजनीति में ना जाए।5 फरवरी को समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा, “वह अगले 23 मार्च से फिर से रामलीला मैदान में धरने पर बैठेंगे। उनका आंदोलन किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ होगा। हजारे ने कहा कि सरकार हमें जेल में डालना चाहे तो डाल दे, हम जेल जाने से डरने वाले नहीं है। हम पहले दो बार जेल में गए तो महाराष्ट्र की सरकार गिर गई और एक बार केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार का पतन हो गया।”

जनसत्ता

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