जब UP में आपस में ही भिड़ गए ये दो आईपीएस, ये है वजह
यूपी के पुलिस विभाग में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। आम तौर पर जहां इतने बड़े राज्य में पुलिस काम के बोझ तले दबी रहती है, वहीं दूसरी ओर दो आईपीएस अफसर संसाधनों और काम की कमी को लेकर एक-दूसरे से भिड़ गए। मामला गुरुवार को तब सामने आया, जब उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से एक आरटीआई का जवाब मिला।
दोनों अधिकारियों के बीच खींचतान शुरू हो गई है
आईजी अमिताभ ठाकुर और एडीजी जसवीर सिंह दोनों रूल्स ऐंड मैन्युअल ऑफिस में एक ही जगह तैनात हैं और दोनों सरकारी अधिकारियों के निर्णय उनकी व्यक्तिगत रुचि से प्रभावित हो रहे हैं। आईजी अमिताभ ठाकुर ने रूल्स ऐंड मैन्युअल ऑफिस में आईजी का चार्ज 2015 में लिया था, जबकि एडीजी जसवीर सिंह यहां नवंबर 2017 में आए हैं। विभाग में काम नहीं होने की वजह से दोनों अधिकारियों के बीच खींचतान शुरू हो गई है।
आरटीआई की मानें तो आईजी अमिताभ ठाकुर और एडीजी जसवीर सिंह दोनों एक ही बैच 1992 के हैं। अमिताभ ठाकुर ने 11 अक्टूबर 1992 को ट्रेनिंग के बाद जॉइनिंग की, जबकि जसवीर सिंह ने 5 सितंबर 1993 को विभाग जॉइन कर लिया था। अमिताभ ठाकुर जसवीर सिंह से वरिष्ठ हैं लेकिन विभागीय जांच के चलते आईपीएस जसवीर को सुपरसीड करके 1 जनवरी 2017 को एडीजी बना दिया गया।
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एडीजी स्थापना एसबी शिराडकर ने बताया कि आईजी अमिताभ ठाकुर जसवीर सिंह के सीनियर हैं लेकिन उन्हें अभी तक प्रमोशन नहीं मिला है इसलिए एडीजी की पोस्ट को लेकर विवाद है। इतना ही नहीं रूल्स ऐंड मैन्युअल ऑफिस में सिर्फ एडीजी की पोस्ट है आईजी की नहीं।
…लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है
एडीजी कार्मिक नीरा रावत ने लिखा है कि रूल्स ऐंड मैन्युअल ऑफिस में संसाधन नहीं हैं इसलिए अमिताभ को आईजी फूड सेल या आईजी होमगार्ड बनाया जा सकता है। डीजीपी ओपी सिंह ने इस मामले में डायरेक्शन बनाने को कहा है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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