एक ओर जहां लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश की पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर एक दारोगा जी पूरे महकमे की फजीहत कराने में जुटे हैं। मामला अमरोहा जिले का है। यहां रामपुर में तैनात एक सिपाही अपनी बुजुर्ग और कैंसर पीड़ित मां की दवा लेने के लिए अमरोहा अपने घर जा रहा था।
तभी रास्ते में जनता को लॉकडाउन को लेकर जागरुक कर रहे एक दारोगा जी ने सिपाही को बाइक से जाता देख रोक लिया। सिपाही से परिचय मांगा गया तो उसने अपने बारे में बताया। लेकिन दारोगा ने सिपाही की एक ना सुनी और आग बबूला हो गए। दारोगा पहले तो सिपाही को अपनी टीम की मदद से बेरहमी से पीटा फिर थाने ले गए और पीड़ित सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
क्या था पूरा मामला-
पीड़ित सिपाही मुजम्मिल खान के अनुसार वह मूलरुप से अमरोहा जिले के ग्राम नगला नौरान थाना अमरोहा देहात का रहने वाला है। वह अपनी बुजुर्ग और कैंसर पीड़ित मां के लिए दवा लेने जा रहा था। तभी काठ अड्डा नगर पर तैनात उपनिरीक्षक मेहर सिंह काम्बोज (प्रभारी एक्शन मोबाईल) दोपहर के समय लॉकडाउन को लेकर जनता को समझा रहे थे। उसी दौरान पीड़ित सिपाही वहां से बाइक से गुजर रहा था।
दारोगा जी को गुस्सा आ गया और अपनी टीम से बाइक सावार पीड़ित सिपाही को रोकने का फरमान जारी कर दिया। बाइक सवार पीड़ित सिपाही रुका और अपना परिचय देते हुए अपनी समस्या बताई। बावजूद इसके दारोगा जी का गुस्सा सातवें आसमान पर था और अपनी टीम के साथ मिलकर सिपाही को बेरहमी से पीटा फिर थाने ले गए और उसके खिलाफ कोतवाली अमरोहा नगर पर मु0अ0सं0 176/20 धारा 188, 269, 270 भादवि बनाम मुजम्मिल खान केस दर्ज करा दिया।
गौरतलब है कि जहां एक ओर उत्तर प्रदेश पुलिस का पूरा महकमा लॉकडाउन के दौरान जन सेवा में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर एक दारोगा अपने ही सिपाही के साथ अभद्र व्यवहार कर महकमे का फजीहत करा रहा है।
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