अफवाहों के बीच सावन के चौथे सोमवार को खुला बाबा विश्वनाथ का दरबार, शाम को होगा रुद्राक्ष श्रृंगार
सावन के चौथे सोमवार को बाबा विश्वनाथ दरबार को विशेष रूप से सजाया गया है। रुद्राक्ष के दाने से बाबा की झांकी सजाई गई है। शाम को विधिवत रुद्राक्ष श्रृंगार की जायेगी।
धार्मिक नगरी काशी में श्री काशी विश्वनाथ को जलाभिषेक के लिए सुबह-सुबह ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सरकार की ओर जारी की गई गाइडलाइन का मंदिर प्रशासन ने पालन करते हुए हर आने वाले श्रद्धालु की थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।
इसके साथ ही श्रद्धालुओं को मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। आज सावन का चौथा सोमवार है लिहाजा श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही लाइन में लगे हुए हैं।
देर शाम तक दर्शन को लेकर जारी रहा उहापोह-
सावन के चौथे सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने को लेकर रविवार की शाम तक उहापोह की स्थिति बनी थी। इसके पीछे जिला प्रशासन का नया आदेश है।
इस आदेश के मुताबिक सोमवार को सम्पूर्ण लॉकडाउन का आदेश दिया गया। मंदिर खोलने पर देर शाम तक जिला प्रशासन और मन्दिर प्रशासन में बातचीत चलती रही। हालांकि बाद में लोगों की भावनाओं को देखते हुये मन्दिर खोलने का निर्णय लिया गया।
क्या है बाबा विश्वनाथ के दर्शन की महत्ता-
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अहम स्थान रखने वाले श्री काशी विश्वनाथ की मान्यता है कि सावन के सोमवार के दिन बाबा का जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी कष्टों का निवारण होता है और बाबा सभी की मनोकामना की पूर्ति करते हैं।
ऐसे में भगवान शंकर की नगरी में भक्त हाथों में जल लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कोरोना महामारी के चलते भक्तों की संख्या काफी कम ही है।
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