बुरी फंसी अमेजन और फ्लिपकार्ट, सामने आया काला सच…
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने सैमसंग, शाओमी और अन्य कई स्मार्टफोन कंपनियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है. वहीं यह आरोप भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा भी लगाया गया है. इसको लेकर सीसीआई ने कहा कि, ”इन स्मार्टफोन कंपनियों ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ मिलकर इनकी वेबसाइट पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट लॉन्च किए. सीसीआई ने इसे प्रतिस्पर्धा विरोधी कानूनों का उल्लंघन बताया है.”
वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सीसीआई की रिपोर्ट को प्रकाशित किया है, जिसमें सीसीआई की तरफ से की गई जांच में यह पाया गया है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन ने कुछ लिस्टिंग को प्राथमिकता देने के साथ चुनिंदा विक्रेताओं को वरीयता दी. साथ ही उत्पादों पर भारी छूट देकर स्थानीय प्रतिस्पर्धा कानूनों को उल्लंघन किया है, जिससे अन्य कंपनियों को इससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. आपको बता दें यह रिपोर्ट 9 अगस्त को सामने आयी थी, लेकिन इस रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया गया था.
ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगे ये आरोप
सीसीआई ने अमेजन पर 1027 पेज की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि पांच भारतीय कंपनियों (सैमसंग, शाओमी, मोटोरोला, रियलमी और वनप्लस) ने अमेजन और इसके सहयोगियों के साथ एक्सक्लूसिव फोन लॉन्च किए जो प्रतिस्पर्धा कानून के खिलाफ है. वहीं फ्लिपकार्ट पर सीसीआई ने 1696 पेजों की रिपोर्ट बनाई है. इसमें कहा गया है कि सैमसंग, शाओमी, मोटोरोला, वीवो, लेनोवो और रियलमी की भारतीय शाखाओं ने भी अनलिमिटेड फोन पेश किए हैं. सैमसंग और शाओमी जैसी कंपनियों को इस मामले में शामिल करने से उनकी कानूनी और अनुपालन संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती है.
वहीं सीसीआई के अतिरिक्त महानिदेश जीवी शिव प्रसाद ने ई-कॉमर्स कंपनियों की रिपोर्ट में लिखा है कि, ”एक्सक्लूसिव बिक्री न सिर्फ फ्री एंड फेयर कॉम्पटशन के खिलाफ है बल्कि उपभोक्ताओं के हित में भी नहीं है.सीसीआई ने यह भी कहा है कि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने विदेशी निवेश का इस्तेमाल चुनिंदा विक्रेताओं को सस्ती दरों पर वेयरहाउस और मार्केटिंग जैसी सर्विस दीं”
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प्रतिस्पर्धा उल्लंघन मामले में लगेगा जुर्माना
जानकारों का कहना है कि, सीसीआई आने वाले हफ्तों में अमेजन, फ्लिपकार्ट, खुदरा विक्रेता संघ और स्मार्टफोन कंपनियों से किसी भी शिकायत की जांच करेगा. इन ई-कॉमर्स कंपनियों पर इसलिए जुर्माना लगाया जा सकता है. यह भी कंपनियों को उनके बिजनस और काम करने के तरीकों को बदलने को कह सकता है