अद्भुत नजारा, आसमान से हुई मकड़ियों की बारिश, जानें कैसे होती है “स्पाइडर रेन” ?
यूं तो आप ने आसमान से बारिश, ओले, बर्फ और बिजली सब देखा होगा लेकिन यदि कोई आप से कहे की उसने मकड़ी की बारिश देखी है तो, शायद संभव हो की आप इस बात पर यकीन कर पाएं। लेकिन यह अद्भुत दृश्य देखने को मिला है सैन फ्रांसिस्को खाड़ी के एक छोटे क्षेत्र में आसमान से मकडियों की बारिश होने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर तेजी से इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है, हालांकि, इस वीडियो और घटना से हर कोई हैरान है । लेकिन ऐसा हुआ है , अब सवाल यह है ये हुआ कैसे ? आइए जानते है क्या होती है “स्पाइडर रेन”…
ऐसे गिरने लगी आसमान से मकड़ियां
सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट में इस घटना का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि, शहर के छोटे से इलाके में आसमान से गिरते हुए सफेद जालों के टुकड़े ने लोगों को हैरान किया, वही जब करीब जाकर देखा तो, जालें में बेबी स्पाइडर भी थी। न्यूयॉर्क पोस्ट में एक स्थानीय नागरिक द्वारा बताया गया कि, उनके घर के आसपास पर हर जगह जाल दिखाई दे रहे थे । ये जाल जमीन, झाड़ियों से चिपके हुए, बिजली लाइनों पर और लगभग हर जगह हैं। ये नजारे काफी डरावने हैं। उन्होंने आगे कहा, “ये नकली मकड़ी के जाले जैसे दिखते हैं, जिसे हैलोवीन स्टोर से खरीदा गया हो। यहां हमने पहले कभी भी ऐसा कुछ नहीं देखा था. छोटी मकड़ियों के साथ ये जाले बहुत रेशमी और चिपचिपे हैं. इन्हें देखकर डर लग रहा है।”
ALSO READ : बिश्नोई को छोड़ो वरना ! मोदी के साथ उड़ा देंगे नरेंद्र मोदी स्टेडियम…
कैसे होती है आसमान से मकड़ियों की बारिश
इस खौफनाक नजारे को देख हर कोई परेशान है, इसको लेकर सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर फ्रेड लाराबी इस बारेिश का कारण बताते हुए कहा कि, “ये जाल के वो गुच्छे हैं जिसमें मकड़ी अपने बच्चों को रखती हैं। फ्रेड ने समझाया कि, जहां मकड़ी के बच्चे मूल रूप से पैदा हुए थे, वहां से दूर जाने के लिए, वे इन जालों को घुमाते हैं और रहने के लिए हवा के सहारे एक नई जगह पहुंचते हैं।”
ठीक तरह समझें तो स्पाइडर रेन ‘मास बैलूनिंग’ की एक प्रक्रिया होती है जहां मकड़ियों का एक समूह दर्जनों जालों के साथ घूमता है और उड़ता हुआ दिखाई देता है। जब हवा चलती है तो मकड़ियों को ऊंची सतह पर जाने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया से पहले, मकड़ियां अपने निवास स्थान में सबके ऊंचे बिंदू तक रेंगती हैं और फिर अपने जालों को घुमाकर एक त्रिकोणीय पैराशूट बनाती हैं। इससे थोड़े से क्षेत्र में आकाश मकड़ियों से भरा हुआ दिखता है।वहीं अगर मौसम की स्थिति बदलती है, तो ये मकड़ियां जमीन पर गिरने लगती हैं और ऐसा लगता है कि मकड़ियों की बारिश हो रही है।