रोक दी गई अमरनाथ यात्रा, मौसम खराब होने पर बालटाल में ही रुके हैं तीर्थयात्री
भगवान भोलेनाथ की पावन गुफा अमरनाथ की यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल यात्रा करते हैं। इस साल 01 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में 84 हजार से भी अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। इस बीच गुरुवार को महादेव के जयघोष करते हुए रवाना हुआ तीर्थयात्रियों के जत्थे को को आज बालटाल और नुनवान में ही रोक लिया गया। बताया जा रहा है कि मौसम खराब होने के चलते अमरनाथ यात्रा को कुछ समय के लिए रोका गया है। मौसम के साफ होने पर ही श्रद्धालुओं को आगे की तीर्थ यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
रोकी गई अमरनाथ यात्रा
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक खराब मौसम होने के कारण किसी भी तीर्थ यात्री को पवित्र गुफा की तरफ जाने की अनुमति नहीं दी गई है। सभी यात्रियों को बालटाल और नुनवान के रास्ते में रुकने का आदेश जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि लोगों से मौसम खराब रहने तक आगे नहीं बढ़ने की अपील की गई है।
84 हजार यात्री कर चुके हैं दर्शन
इस साल अभी तक 84 हजार से भी ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। बीते दिन गुरुवार को ही दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 17 हजार 202 थी। वहीं 1 जुलाई को यात्रा शुरू होने से अब तक कुल 84 हजार 768 श्रद्धालु दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। जबकि 1 जुलाई को 3 हजार 400 से अधिक श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया गया था। वहीं पिछली बार 3.60 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आए थे। वहीं इस बार उम्मीद है कि यह आंकडा 6 लाख के पार जा सकता है।
3,880 मीटर ऊंची है अमरनाथ गुफा
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटे लेकिन खड़ी बालटाल मार्ग को जोड़ने वाले मार्गों पर एक तीर्थयात्रा है। हिंदू धर्म में पवित्र मानी जाने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा, हिमालय के बीच दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में स्थित है। अमरनाथ को भगवान शिव के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है।
62 दिन चलेगी पावन यात्रा
श्री अमरनाथजी यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई थी, जो कि 62 दिन तक चलेगी। अमरनाथ यात्रा को लेकर सेना के जवानों द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था में जवानों द्वारा ड्रोन, डॉग स्कवायड और चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। इसी के साथ तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए स्वास्थ्य कैंप में भी बढ़ोत्तरी की गई है।
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