विश्व के तमाम नेता डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कहते हैं यह बात – जो बाइडेन

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अमेरिका में इस साल के नवम्बर महीने में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. ऐसे में बयानों के तीर चलने लगे हैं. डेमोक्रेट पार्टी से जहां जो बाइडेन उम्मीदवार हैं वहीं रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उम्मीदवार होगें. दोनों नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है. इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहाकि भारत में पिछले दिनों हुए जी-20 के आयोजन के वक्त विश्व के तमाम नेताओं ने उनसे कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप फिर वापस सत्ता में नहीं आने चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के नेताओं ने उनका समर्थन किया है.

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लोकतंत्र की है फिक्र

राष्ट्रपति बाइडन ने न्यूयॉर्क में अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि तमाम ग्लोबल नेता उनसे कहते हैं कि उनका लोकतंत्र दांव पर है. उन्होंने कहा कि भारत में जी20 सम्मेलन हो या किसी अन्य देश में हुई बैठक. जब भी दुनिया भर के नेता जुटते हैं तो वह यही कहते हैं कि आप उन्हें (ट्रंप) जीतने नहीं देंगे. उन्होंने कहाकि वह बढ़ा- चढ़ाकर बात नहीं कर रहे हैं. बिना नाम लिये उन्होंने दावा किया कि दुनिया के अधिकतर नेता जब उनसे हाथ मिलाते हैं तो वह ट्रंप के वापस न आने की बात करते हैं. बता दें कि भारत में हुए जी-20 के आयोजन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं शामिल हुए थे.

बाइडन ने खुद को बताया गंभीर नेता

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि दुनिया के नेता उन्हें गंभीर नेता समझते हैं. वहीं ट्रंप के बारे में उनकी राय विपरीत हो जाती है. उन्होंने आगे कहाकि मुझे लगता है कि वह मेरा सम्मान करते हैं. वह मेरी बात सुनते हैं.

क्या है नाटो देश के नेताओं के डर की वजह

नाटो देश के नेताओं के डर के पीछे की मुख्य वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान है. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान नाटो सदस्य देशों पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने दो टूक लहजे में कहा था कि अमेरिका नाटो के उन सहयोगियों का बचाव नहीं करेगा जो रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे रूस को उन देशों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे. इस बयान के बाद से ही नाटो सदस्य देशों में खलबली मच गई है. क्योंकि नाटो में मुख्य भूमिका के रूप में अमेरिका ही है. हालांकि ट्रंप ने यह बयान भारत में हुए जी-20 के बाद दिया है. लेकिन ट्रंप पहले भी नाटो को बंद करने की मांग कर चुके हैं. वहीं तमाम यूरोपीय देश रूस से अपनी सुरक्षा को लेकर नाटो की जगह दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं. बता दें कि किसी भी देश का नाटो में शामिल होना उसके सुरक्षा की गारंटी के तौर पर देखा जाता था.

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