बजरंगी की हत्या के बाद जेल में बंद इन बाहुबलियों की उड़ी नींद

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मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जहां एक ओर जनता में दहशत का अंत हुआ तो वहीं दूसरी ओर जेलों में बंद विधायकों-अपराधियों की सांसें भी अब अटकने लगी हैं। हत्या के बाद से ही सभी जिलों की सुरक्षा और भी ज्यादा टाइट कर दी गयी है जिसके चलते जेलों के अंदर से दबंगई दिखाने वाले भी अब प्रशासन की नजर में रहेंगे। ये पता लगा है कि डर की वजह से सोमवार की पूरी रात एमएलसी बृजेश सिंह, बाहुबली अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी अपने-अपने बैरकों में टहलते रहे।

माफियाओं के चेहरे पर आई चिंता की लकीरें

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सोमवार सुबह ही अलग-अलग जेलों में बंद इन माफिया की सुरक्षा कड़ी कर दी गई और जेल अफसरों ने भी इनकी बैरकों का निरीक्षण किया। अपने आस-पास सुरक्षा के कड़े प्रबंध देख कर इन सभी माफियाओं के चेहरे पर खौफ साफ नजर आने लगा।

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वैसे तो सभी माफिया अब खौफ के साए में हैं लेकिन इनमें से मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह व बबलू श्रीवास्तव के मन में सबसे ज्यादा डर बैठ गया है। रोजाना शाम को बैरक से निकलकर जेल परिसर में चहलकदमी करने वाले सोमवार को शांत दिखे। इन तीनों ने ज्यादा समय अपनी बैरकों में ही बिताया। इसके साथ ही बाहर से आने वाले मुलाकातियों से भी ये लोग नहीं मिले।

ये हैं यूपी के दबंग माफिया

आपको बता दें कि एमएलसी बृजेश सिंह वाराणसी सेन्ट्रल जेल में, बाहुबली अतीक अहमद देवरिया जेल में, मुख़्तार अंसारी बांदा जेल में और डॉन ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू बरेली सेंट्रल जेल में बंद हैं।

गौरतलब है कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी लखनऊ, गाजीपुर, आगरा, सीतापुर, उन्नाव समेत तिहाड़ जेलों में रह चुके हैं। उसके एक इशारे पर जेल में सारी सुविधाएं मिल जाती हैं। जेल अधिकारी तो दूर डीएम-एसपी भी निरीक्षण के समय मुख्तार की तलाशी लेने का साहस नहीं जुटा पाते हैं। विधानसभा सत्र में भी हिस्सा लेने आते रहे मुख्तार को पहली बार लखनऊ जेल में नहीं रखा गया। इससे पहले वह हमेशा सत्र के समय लखनऊ जेल में ही रहते थे।

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