पंचायत चुनाव में नहीं बांटी जा सकेगी शराब, वाराणसी प्रशासन कर रहा है अंकुश लगाने की तैयारी
पंचायत चुनाव को शराब बांटकर प्रभावित करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व होली से पहले पुलिस व आबकारी विभाग ने वोटरों के बीच शराब वितरण पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र विजय सिंह मीना ने ग्रामीण इलाकों के सभी शराब ठेकों के स्टॉक की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर व जौनपुर के पुलिस कप्तानों को ब्योरा जुटाने के आदेश दिए हैं। सभी बीट इंचार्ज को आबकारी की टीम के साथ मिलकर इलाके के ठेकों में रखे स्टॉक का ब्योरा जुटाना होगा।
चौबेपुर, बड़ागांव व रोहनिया है संवेदनशील-
अवैध शराब की दृष्टि से चौबेपुर, बड़ागांव व रोहनिया के इलाके संवेदनशील हैं। चौबेपुर का परानापुर, कादीसराय, बड़ागांव का कनियर तो रोहनिया का मातलदेई, राजातालाब अवैध शराब के लिए चर्चित हैं। इन क्षेत्रों में पुलिस व आबकारी विभाग बराबर कार्रवाई करती है लेकिन उनकी दुकान फिर से सज जाती है। यहां अवैध शराब का धंधा वंशानुगत आधार पर चलता है।
दो करोड़ से अधिक की संपत्ति हुई कुर्क-
पुलिस ने शराब माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए वर्ष 2020 में अवैध रुप से अर्जित की गई दो करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। चार शराब तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई हुई तो तीन की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। वर्ष 2020 में रोहनिया थाना क्षेत्र में अखरी के सामने नेशनल हाईवे पर हरियाणा से बिहार जा रहे कई वाहनों से अवैध शराब की खेप पकड़ी गई थी। हरियाणा से होने वाली शराब तस्करी पर लगाम नहीं लग रहा है। विभिन्न रास्तों से शराब बिहार में पहुंचाई जा रही है। बिहार में शराब बंदी के कारण यूपी से बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी शुरू हो गई है। शराब तस्कर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल के साथ ही अन्य अन्य प्रांतों से शराब मंगाते हैं। अवैध और नकली शराब की खेप वाराणसी होते हुए बिहार पहुंचती है।
नकली शराब वाले भी होते हैं एक्टिव-
शराब तस्करी में हो रहे फायदा को देखते हुए कई धंधेबाज नकली शराब भी बनाने लगे हैं। वर्ष 2020 मार्च में रोहनियां पुलिस ने ट्रक से 40 लाख रुपये की अवैश शराब समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा शिवपुर पुलिस अवैध शराब तस्करी व अवैध शराब बनाने के गैंग के सरगना समेत चार लोगों को पकड़ा था। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया था कि वे स्प्रिट में नौसादर, यूरिया व पानी मिलाकर नकली शराब का निर्माण कर
बिहार में तस्करी करते हैं।
सोएपुर जहरीली शराब कांड में 28 की हुई थी मौत-
वर्ष 2010 में कैंट थानांतर्गत सोएपुर में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में कई लोगों को आरोपित बनाया गया था। इनमें रसूखदार लोग भी शामिल थे।
यह भी पढ़ें: बिहार : जहरीली शराब मामले में पुलिस अधीक्षकों पर दर्ज हो हत्या का मामला
यह भी पढ़ें: शराब बरामद वाले स्कूल में थाना नहीं खुला, तो सीएम आवास का होगा घेराव : तेजस्वी यादव
[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)