भतीजे ने दिया बुआ को एक वोट का ‘तोहफा’
भतीजे यानि अखिलेश यादव ने बुआ बसपा सुप्रीमो को रिर्टन गिफ्ट दिया है। मायावती को अखिलेश की तरफ से एक वोट का तोहफा मिला है। सपा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधान परिषद चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी ने बुधवार को बहुजन समाज पार्टी के लिए एक सीट छोड़कर इस बात के स्पष्ट इशारा दे दिए।
मायावती को रिटर्न गिफ्ट नहीं दे सके थे
अखिलेश पहले ही यह घोषणा कर चुके है कि वह कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे। यानी कि वह अगले लोकसभा चुनाव तक बसपा प्रमुख मायावती की तरह ही किसी भी सदन के सदस्य नहीं रह जाएंगे।बहुजन समाज पार्टी से तालमेल होने के बाद फूलपुर और गोरखपुर उप चुनाव में जीत हासिल करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव में तो मायावती को रिटर्न गिफ्ट नहीं दे सके थे, लेकिन विधान परिषद चुनाव में इसकी भरपाई करेंगे।
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पार्टी ने दोनों दलों को मिलाकर संख्या बल के हिसाब दो सीटों में से एक पर बसपा के समर्थन का फैसला किया है।इससे दोनों दलों में गठबंधन की नींव और पुख्ता होगी। दूसरी सीट पर सपा खुद अपना उम्मीदवार उतारेगी। सपा की ओर से किसी का भी नाम फाइनल नहीं है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व सांसद तबस्सुम और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी में से किसी को लड़ाया जा सकता है।
भीम राव अंबेडकर का नाम फाइनल कर दिया
गौरतलब है कि सपा और बसपा के कुल सदस्यों को मिलाकर दो सीटों पर ही विधान परिषद चुनाव में जीत हासिल की जा सकती है।सपा के समर्थन की घोषणा के बाद बहुजन समाज पार्टी ने विधान परिषद में अपने उम्मीदवार भीम राव अंबेडकर का नाम फाइनल कर दिया। वह गुरुवार को नामांकन करेंगे। नामांकन करने के लिए सुबह साढ़े नौ बजे पार्टी के विधायक विधानभवन स्थित कार्यालय में जुटेंगे। गौरतलब है कि बसपा के उम्मीदवार अंबेडकर राज्यसभा चुनाव में सपा के समर्थन के बावजूद भाजपा उम्मीदवार से पराजित हो गए थे। बुआ औऱ भतीजे के बीच नजदीयां आ रही है। अखिलेश ने मायावती के को एक वोट तोहफे के रुप में देकर साबित कर दिया है।
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