अब लोगों को जोड़ने निकलेगा अखिलेश का समाजवादी रथ
नए साल में तेवर में आई समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि उनका ध्यान फिलहाल संगठन की ताकत बढ़ाने पर है और वह 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी से गठबंधन के बारे में नहीं सोच रहे। उन्होंने कहा कि इस बारे में बातचीत आगे बढ़ाना और सीटों का समझौता आदि समय की बर्बादी है। संगठन पहले है और इसके लिए वह रथयात्रा भी निकालेंगे।
दल से गठबंधन के बारे में नहीं सोच रहा
लोगों को जोड़ेंगे। जल्द ही इसका पूरा कार्यक्रम तय कर लिया जाएगा। 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लड़े अखिलेश यादव ने कहा कि 2019 का चुनाव चुनौती पूर्ण है और उत्तर प्रदेश का परिणाम पूरे देश में संदेश देगा, इसलिए मेरा पूरा ध्यान अभी पार्टी को सांगठनिक ढंग से मजबूत करने पर है। अभी मैैं किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन के बारे में नहीं सोच रहा। मैं सीटों के समझौते आदि के बारे में सोचकर किसी भ्रम में नहीं रहना चाहता। इससे काफी समय बर्बाद होता है।
also read : पीएम के रूट में फंसे नितिन गडकरी को अपने दफ्तर तक आना पड़ा पैदल
मेरी राजनीति का तरीका अलग है और मेरी ओर से समान विचारधारा वाले दलों के लिए दोस्ती के दरवाजे खुले हुए हैैं। लेकिन, वर्तमान में वह अपना ध्यान अपने वोट बैंक को बढ़ाने पर ही केंद्रित करना चाहते हैं। साथ ही कहा कि उनका दल उन्हें प्रदेशों में चुनाव लड़ेगा, जहां संगठन मजबूत होगा। मध्यप्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में पार्टी संगठन का ढांचा मजबूत है और उत्तराखंड और राजस्थान में भी हम काम कर रहे हैं।कई विकास योजनाओं के बाद भी 2017 का चुनाव हारने के संबंध में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोगों को मूर्ख बनाने में सफल रही।
…और अब अपनी गलती महसूस करते हैैं
वैसे उस चुनाव में हमारे वोट, नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी के वोट भाजपा में शिफ्ट हुए। लोग अभी भी मेरा कार्यकाल याद करते हैैं और अब अपनी गलती महसूस करते हैैं। अखिलेश ने कहा कि जनता ने भाजपा को अवसर दिया लेकिन वह अपने वादे पूरा कर पाने में असफल रही। योगी सरकार फेल है। वह सिर्फ हमारी योजनाओं को अपना बताकर उस पर अपना नाम दर्ज करा रहे हैैं।
also read : कौरवों के लाक्षागृह में छिपे रहस्यों की खोज शुरु
अखिलेश ने सुझाव दिया कि योगी सरकार को अब केंद्र से बड़े बजट की मांग करनी चाहिए। आखिर उत्तर प्रदेश ने उन्हें 73 सांसद (अपना दल को मिलाकर) दिए हैं। यह समय केंद्र से बड़ा पैकेज हासिल करने का है। बिना बजट के कुछ नहीं किया जा सकता। ईवीएम मुद्दे पर उनका कहना था कि इलको लेकर सवाल खड़े हुए हैैं और यदि उप चुनाव बैलट पेपर से होते हैैं तो शंकाओं का समाधान हो जाएगा। योगी सरकार की ‘यूपी इन्वेस्टर्स समिट के बारे में उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन्हें उनकी सरकार में बने जेपी इंटरनेशनल सेंटर के लिए कुर्सियां खरीदनी चाहिए।
दैनिक जागरण
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)