Akbarapur News: यूपी में पुनःनामकरण का सिलसिला जारी, इलाहाबाद, फैजाबाद के बाद अब बदलेगा अकबरपुर का नाम…
Akbarapur News: देश में जारी चुनावी पर्व के दौरान देश की राजनीतिक पार्टियां हर तरह से अपना वोट बैंक मजबूत करने की कवायद में लगी हुई हैं. ऐसे में शहरों के पुनःनामकरण की राजनीति करने वाली वाली यूपी की योगी सरकार का यह सिलसिला अभी भी जारी है. ऐसे में इलाहाबाद (प्रयागराज), फैजाबाद ( अयोध्या ) के पुनःनामकरण के बाद अब अकबरपुर का भी नाम बदलने वाला है. हाल ही में कानपुर देहात के घाटमपुर में चुनावी प्रचार के दौरान सीएम योगी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए, अकबरपुर के नाम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, ”नाम ऐसा है कि बार-बार बोलने में सोचना पड़ता है. उन्होंने बताया कि उन्हें ये नाम लेने में संकोच होता है.”
चुनावी जनसभा के दौरान वोट मांगते हुए योगी ने कहा है कि, गुलामी के चिन्हों को समाप्त करने और अभी तक हुए कार्यों में सहभागी बनने के लिए वोट करें. जनसभा में सीएम योगी ने गुलामी की निशानियों को समाप्त करने और अपनी विरासत का सम्मान करने की भी बात कही. उनके इस संबोधन से ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में अकबरपुर का भी नाम बदला जा सकता है. आइए आपको बताते हैं कि, अकबरपुर लोकसभा सीट का क्या रहा है इतिहास…
अकबरपुर का पुराना नाम क्या था ?
यदि बात करें, अकबरपुर के इतिहास की तो इसका इतिहास बहुत पुराना है. इतिहास को पलटने पर मालूम होता है कि, अकबरपुर का पुराना नाम गुड़ईखेड़ा हुआ करता था. गुड़ईखेड़ा का अर्थ होता है, ऐसी जगह जहां पर गुणीजन का डेरा होता है. बताया जाता है कि, यहां पर पुराने समय में संगीत और अन्य कलाओं में निपुड़ लोग रहा करते थे. यही वजह थी कि, इसका नाम गुड़ईखेड़ा पड़ा था. लेकिन इसके बाद जब देश में मुगलों का शासन आया तो, रिसालदार कुंवर सिंह ने इस क्षेत्र को शाहपुर अकबरपुरा का नाम दे दिया. इसके कुछ समय के बाद इसके नाम में बदलाव करते हुए शाहपुर को हटाकर केवल अकबरपुर कर दिया गया, जो मुगल शासक अकबर के ऊपर रखा गया था.
क्या होगा अकबरपुर का नया नाम ?
अकबरपुर का नाम बदलने की मांग कई बार की गई है, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया. इसके बाद ग्राम प्रधान ने फिर ग्रामीणों के साथ प्रदर्शन किया और भूख हड़ताल भी की थी. लोगों ने प्रशासन से अकबरपुर का नाम बदलकर अमरपुर या महाराणा प्रताप नगर करने की मांग की थी. लंबे समय से स्थानीय लोगों नाम बदलने की मांग के बाद, मुख्यमंत्री योगी ने घाटमपुर में एक जनसभा में नाम बदलने का संकेत दिया है. हालाँकि, इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी है कि, अकबरपुर का नाम कब और कैसे बदलेगा ?
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अकबरपुर सीट का इतिहास
आपको बता दें कि, साल 2009 में अकबरपुर लोकसभा सीट बनाई गई थी, इसे परिसीमन के बाद यह बनाया गया था. कानपुर नगर और कानपुर देहात की विधानसभा सीटों को जोड़कर अकबरपुर लोकसभा सीट बनाई गई. साल 2009 से पहले ये घाटमपुर लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी. इसमें कानपुर नगर का घाटमपुर, कानपुर देहात का भोगनीपुर, रायपुर और डेरापुर शामिल थे. लेकिन 2009 में अकबरपुर लोकसभा सीट बनने के बाद अकबरपुर-रनियां, कानपुर की बिठूर, कल्याणपुर और महाराजपुर भी इसमें शामिल हो गए. जानकारी के लिए बता दें कि, 13 मई को यूपी की अकबरपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण का चुनाव होगें.