पाकिस्तान के धोखे का दिया था करार जवाब, उन्हीं के हाथ में होगी भारतीय वायुसेना की कमान; जानें कौन हैं वीआर चौधरी
एयर मार्शल विवेक राम चौधरी इंडियन एयरफोर्स के अगले नए चीफ होंगे। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, सरकार ने एयर मार्शल वी. आर. चौधरी, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, वर्तमान में वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ को अगले वायुसेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है।
30 सितंबर को एयर चीफ मार्शल भदौरिया हो रहे सेवानिवृति-
चौधरी नेशनल डिफेंस अकैडमी (NDA) के छात्र रहे हैं। वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से भी ग्रेजुएट हैं। वह 1 जुलाई 2021 को एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा के स्थान पर 45वें वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ बने थे। वह अब एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया का स्थान लेंगे, जो 30 सितंबर को वायुसेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
29 दिसंबर 1982 को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू दल में शामिल हुए चौधरी ने विभिन्न स्तरों पर विभिन्न कमांड, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों पर अपनी सेवा दी है। एयर मार्शल चौधरी, जिन्होंने 1 जुलाई को उप प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था विवेक राम चौधरी को अलग-अलग तरह के लड़ाकू विमानों को उड़ाने में महारत हासिल है। वह वायु सेना के कुछ बेहद अहम मिशन का हिस्सा रहे हैं। उन्हीं में से ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर शामिल हैं। विभिन्न प्रकार के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमानों पर 3,800 घंटे से अधिक का उड़ान का अनुभव है।
पाकिस्तान को कराया था भारत की ताकत का एहसास-
ऑपरेशन मेघदूत 37 साल पहले भारतीय सशस्त्र सेना का सफल अभियान रहा है। इसके चलते ही भारतीय सेना ने कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया था। तब पाकिस्तानी सेना को हमारे जवानों ने पीछे जाने के लिए मजबूर कर दिया था। ऑपरेशन मेघदूत कोडनेम था। इस अभियान को 13 अप्रैल 1984 की सुबह को अंजाम दिया गया था। इसमें वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई थी। चौधरी इस ऑपरेशन का हिस्सा थे।
ऑपरेशन सफेद सागर भी थल सेना के साथ वायु सेना का संयुक्त अभियान था। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी जिम्मेदारी सेना को सौंपी गई थी। यह एक कोड नेम था। इसका मकसद नियंत्रण रेखा के साथ कारगिल सेक्टर में भारतीय चौकियों को पाकिस्तान के कब्जे से खाली कराना था। पाकिस्तानी सैनिकों ने इन पर धोखे से कब्जा जमा लिया था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में वायु शक्ति का पहला बड़े पैमाने पर इस्तेमाल था। इसमें भी विवेक राम चौधरी की बड़ी भूमिका रही थी।
शानदार रहा करियर-
उन्होंने एक फ्रंटलाइन फाइटर स्क्वाड्रन और एक फाइटर बेस की कमान संभाली है। एक एयर वाइस मार्शल के रूप में, वह डिप्टी कमांडेंट, वायु सेना अकादमी, सहायक वायु सेना संचालन (वायु रक्षा) और सहायक वायु सेना प्रमुख (कार्मिक/अधिकारी) रहे हैं। उन्होंने वायु सेना मुख्यालय में वायु सेना के उप प्रमुख, पूर्वी वायु कमान में सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर और पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ जैसे प्रतिष्ठित पदों पर भी अपनी सेवा दी है।
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