इंडियन एयरफोर्स की बढ़ेगी ताकत, शामिल होंगे 110 लड़ाकू विमान

0

चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर दुनिया की सबसे बड़ी मिलिटरी में से एक भारतीय वायुसेना और ताकतवर होने जा रही है। भारत सरकार ने 110 लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए अरबों डॉलर के ‘मेक इन इंडिया’ प्रॉजेक्ट की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। एयर फोर्स ने शुक्रवार को शुरुआती टेंडर या RFI (रिक्वेस्ट फॉर इन्फ़र्मेशन) जारी कर दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय वायुसेना को मिलिटरी जेट्स से लैस करने के लिए बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, साब और डसॉल्ट जैसी कंपनियां आगे आ सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी फाइटर जेट डील होगी।

1.15 लाख करोड़ का खर्च

आपको बता दें कि सभी 110 फाइटर जेट्स सिंगल या दो इंजनवाले होंगे और उनका निर्माण विदेशी सहयोग से होगा। दुनिया की प्रमुख विमानन कंपनियों के लिए यह RFI जारी किया गया है जिससे वे किसी भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर नए फाइटर प्रॉडक्शन लाइन को आगे बढ़ा सकें। इस प्रॉजेक्ट पर अनुमानित खर्च 1.15 लाख करोड़ रुपये बताया गया है।

पाकिस्तान और चीन से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना के पास कम से कम 42 फाइटर स्क्वॉड्रन की जरूरत महसूस की जा रही है लेकिन अभी 31 फाइटर स्क्वॉड्रन ही हैं, जिसमें प्रत्येक में 18 जेट्स हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना से कहा था कि वह एक और दो इंजन वाले फाइटर जेट्स का नया प्रस्ताव तैयार करे।

Also Read :  जेल में करवट बदल कर बीती सलमान की रात, बेल पर सुनवाई आज

एक सूत्र ने बताया, ‘मूल योजना में एक अनावश्यक पाबंदी केवल सिंगल इंजनवाले फाइटर्स की थी। ऐसे में प्रतिस्पर्धा केवल 2 तरह के जेट्स (अमेरिकी F-16 और स्वीडिश ग्रिपेन-E) में सीमित होकर रह जाती। इसका मकसद दावेदारों की संख्या को बढ़ाना है और अनावश्यक आरोपों से बचना है।’

अब रक्षा मंत्रालय की स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप पॉलिसी के अनुसार RFI जारी होने के बाद विदेशी कंपनियां किसी भारतीय कंपनी के साथ मिलकर फाइटर जेट्स बनाने के लिए आगे आएंगी।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली स्थित जेन्स इन्फॉर्मेशन सर्विसेज के विश्लेषक राहुल बेदी ने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी फाइटर एयरक्राफ्ट डील होगी। बताया जा रहा है कि वायुसेना और नेवी को कम से कम 400 सिंगल और दोहरे लड़ाकू विमान की जरूरत है। डील पर हस्ताक्षर होने के बाद पहला जेट 3 साल के भीतर मिलने की उम्मीद है।

नवभारत टाइम्स

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More