यूपी की जेलों में क्यों बढ़ रही है एड्स रोगियों की संख्या?
आशीष बागची
यूपी की जेलों में एड्स रोगियों की संख्या वाकई चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। शुक्रवार को खबर आयी कि मेरठ की जेल में दस कैदी एड्स(AIDS) से पीडि़त हैं। इस खुलासे के बाद जब बवाल बढ़ा तो मेरठ के सीएमओ ने कहा कि मामला गंभीर है और इसकी जांच की जायेगी। यह मामला तब सामने आया जब इस बारे में जांच शुरू की गयी। अब सामने आया है कि सिर्फ मेरठ ही नहीं यूपी की जेलों में 268 कैदियों को एड्स है।
कैदी बार-बार पड़ रहे थे बीमार
इस तरह के खुलासे ने रोंगटे खड़े कर दिये हैं। इस घटना के बाद एनएचआरसी ने नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर जेलों में कैदियों को एड्स(AIDS) कैसे हुआ? इसमें जेल प्रशासन की लापरवाही कितनी जिम्मेदार है? सिर्फ गोरखपुर जेल में ही 24 कैदी एचआईवी पॉजिटीव पाए गये हैं। जब उनका रूटीन चेकअप हुआ तो पता चला कि वे बार-बार बीमार पड़ रहे हैं। इसपर डॉक्टरों ने एलिजा टेस्ट कराया, जिसमें एड्स मरीज मिले।
राष्ट्रीय मानवाधिकार ने भेजी नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक जेल को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए मानवाधिकार आयोग ने छह हफ्ते का समय दिया है। छह हफ्तों में जेल प्रशासन को आयोग को विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी है। यूपी में 70 जेलें हैं। इन जेलों में सभी कैदियों का एलिजा टेस्ट कराया गया, जिसमें 265 कैदियों को एड्स की बीमारी पायी गई। गोरखपुर के अलावा बरेली, इलाहाबाद, लखनऊ, फैजाबाद, आगरा, मेरठ, वाराणसी और कानपुर समेत कई जेलों में कैदियों को एड्स की बीमारी पायी गयी है।
कैदियों को जेलों में मिल रहा है नशे का सामान
गोरखपुर जिला जेल में चार महीने जांच की गयी। इस दौरान 24 कैदियों के एचआईवी संक्रमित पाए जाने की खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया। जांच में यह पाया गया है कि इनमें से कुछ कैदी नशा करते हैं और जेलों में भी उन्हें ये सब चीजें आसानी से मुहैया हो जाती हैं। दरअसल जिला कारागार के बैरकों में 540 कैदियों को रखने की व्यवस्था है लेकिन इसमें 1500 कैदी बंद हैं। यह भी पाया गया है कि जेलों में संख्याधिक कैदी नशे के आदी हैं और स्मैक या नशे का इंजेक्शन लगाते हैं।
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शाहजहांपुर के कैदियों में भी एड्स
यूपी के शाहजहांपुर की जेल में बंद 1736 कैदियों की स्क्रीनिंग कराई गई थी, जिनमें से सात कैदियों की रिपोर्ट में एचआईवी के लक्षण पाए गए। इसको लेकर जब दोबारा से इन कैदियों का चेकअप कराया गया तो इनमें से चार के एचआईवी की पुष्टि हो गई।
गाजियाबाद में भी कैदियों में एड्स
आपको याद होगा कि बीते साल भी गाजियाबाद की डासना जेल के सभी कैदियों का एचआईवी टेस्ट लिया गया। यहां राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी ने तीन अधिकारियों की टीम भेजी थी, जिन्होंने डिस्ट्रिक्ट मेडिकल डिपार्टमेंट के सहयोग से 3555 कैदियों के सैंपल लिए। रिपोर्ट में 17 इनमेट्स का स्क्रीन टेस्ट पॉजिटिव आया था।
इंजेक्शन से फैल रहा है एड्स
यह पाया गया है कि जेल में नशे के लिए इस्तेमाल किेये जा रहे इंजेक्शन से भी एड्स फैल रहा है, क्योंकि नशे के लिए एक ही इंजेक्शन से कैदी ड्रग्स लेते हैं जिससे एड्स वायरस एक दूसरे में फैलता है। सरकार को जेलों में फैल रहे एड्स की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।