‘राज्यहित’ के लिए शशिकला का ‘निष्कासन’ आवश्यक

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ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के नेता के.पी. मुनुस्वामी ने शनिवार को उन खबरों को खारिज किया जिसमें कहा गया है कि वह पार्टी के दोनों धड़ों के विलय के बीच रोड़ा बन रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वी.के.शशिकला का एआईएडीएमके से निष्कासन आवश्यक है और यह पार्टी व राज्य, दोनों के हित में होगा।

मैंने इस मामले में कड़ा फैसला लिया है…

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम गुट के एआईएडीएमके के नेता व पूर्व मंत्री मुनुस्वामी ने कहा कि राज्य की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता की निकट सहयोगी रहीं शशिकला का पार्टी से निष्कासन पन्नीरसेल्वम द्वारा शुरू किए गए ‘धर्मयुद्ध’ का बुनियादी आधार है और इसके बिना इसका कोई अर्थ नहीं होगा।उन्होंने कहा, “मैंने इस मामले में कड़ा फैसला लिया है। इसे बाधा कैसे कहा जा सकता है।”

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सरकार गठन का दावा किया था

उन्होंने कहा कि इस मामले में पन्नीरसेल्वम जो भी फैसला लेंगे, वह धड़े के सभी लोगों को मान्य होगा।उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए उनको और उनके दो संबंधियों को चार साल कारावास की सजा सुनाई थी। दिनाकरन अन्नाद्रमुक के उस 12 सदस्यीय दल का हिस्सा थे जिसने राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव से मुलाकात की थी और सरकार गठन का दावा किया था।

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मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया

शशिकला ने मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम सहित पार्टी से बागी नेताओं को बर्खास्‍त्‍ कर दिया था लेकिन उन्होंने शशिकला के इस अधिकार पर सवाल उठाए थे और कहा था कि उनके पास किसी को नियुक्त करने या हटाने का अधिकार नहीं है।उच्चतम न्यायालय का फैसला पार्टी महासचिव वीके शशिकला के खिलाफ आने के कुछ ही देर बाद इदापड्डी के पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नया नेता निर्वाचित किया गया। इसके बाद अन्नाद्रमुक विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता पलानीस्वामी ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मंगलवार को मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

सत्तारूढ़ दल में सत्ता को लेकर एक नई जंग छिड़ गयी

बता दें कि आय से अधिक संपत्ति केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शशिकला को दोषी ठहराया और उन्‍हें तत्काल बेंगलुरु की अदालत के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया। न्यायालय के इस निर्णय के साथ ही शशिकला की तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पर पानी फिर गया। इस घटनाक्रम से राज्य के सत्तारूढ़ दल में सत्ता को लेकर एक नई जंग छिड़ गयी।

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