तख्तापलट के बादः बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया बने मोहम्मद यूनुस…

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शेख हसीना के इस्तीफे के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का अध्यक्ष बनाया गया है. यह जानकारी मंगलवार देर रात राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के प्रेस सचिव ने दी थी. संसद भंग करने के बाद राष्ट्रपति शहाबुद्दीन और छात्र नेताओं के बीच हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था. बैठक में तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख और प्रदर्शनकारी छात्र नेता भी इस मीटिंग में उपस्थित थे. विरोधी विद्यार्थियों ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. प्रदर्शनकारी छात्रों की पहली पसंद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में मोहम्मद यूनुस थे, जो गरीबी से लड़ने में अपने काम के लिए ‘गरीबों के बैंकर’ के रूप में जाने जाते हैं.

इधऱ दूसरी तरफ बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना इस्तीफे के बाद पद और देश दोनों को ही छोड़कर भारत आ गयी थी, तब से वे यहीं रह रही है. ऐसे में कहा जा रहा था कि, भारत में कुछ दिन रूकने के बाद वह लंदन चली जाएगी. लेकिन अब ब्रिटेन में पनाह लेने की उम्मीद खत्म होती नजर आ रही है. ब्रिटेन सरकार ने ऐसे संकेत दिए है कि इस हालत में शेख हसीना का वहां पनाह लेने आना सही नहीं होगा. उनके खिलाफ बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शन के चलते कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

दो महीने से नफरत की आग में जल रहा बांग्लादेश

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सोमवार को दो महीने से चल रहे प्रदर्शन में भारी हिंसा हुई थी. इसके बाद वह अपने पद से इस्तीफा देकर भारत चली गईं. हिंडन एयरबेस पर अजित डोभाल (NSA) ने उनसे लगभग एक घंटे तक बातचीत की थी. इसके बाद बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एम. महबूब उद्दीन खोकन ने भारत से अपील की है कि, शेख हसीना और उनकी बहन रिहाना को गिरफ्तार कर बांग्लादेश वापस भेजा जाए.

वहीं चर्चा है कि शेख हसीना का वीजा अमेरिका ने रद्द कर दिया है. देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भी रिहा हो गई है, फिलहाल शेख हसीना को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है. वहीं, मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कट्टर विरोधी हैं, इन्हें भी शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने का एक महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है.

शेख हसीना की बंगलादेशी संपत्ति निशाने पर है.मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने ढाका के एक कॉलेज में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की थी, क्योकि यह कॉलेज शेख हसीना के परिवार का ही है, इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने ढाका कॉलेज का नाम भी मिटा दिया है.

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बांग्लादेश में पुलिस भी कर रही सुरक्षा की मांग

बांग्लादेश में पुलिस ने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए हड़ताल कर दी है. शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद चार सौ पुलिस स्टेशनों पर हमले किए गए हैं. इनमें कई पुलिसकर्मी मारे गए हैं. वही ‘बांग्लादेश पुलिस सर्विस एसोसिएशन’, यानी बीपीएसए देश में पुलिस के एक संगठन ने कहा कि, जब तक हर पुलिसकर्मी की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती है पुलिस तब तक हड़ताल पर रहेगी. उसने अपने बयान में निर्दोष विद्यार्थियों के साथ की गई कार्रवाई के लिए भी माफी मांगी है.

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