BHU गैंगरेप आरोपितों को जमानत के बाद फिर माहौल गरमाया, छात्र-छात्राओं ने निकाला मार्च
दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन जारी, इप्शिता और भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा ने सरकार पर उठाए सवाल
वाराणसी में पिछले वर्ष नवंबर में आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ गैंगरेप मामले को लेकर एक बार फिर बीएचयू परिसर सुलगने लगा है. सामूहिक दुष्कर्म मामले के 2 आरोपितों को जमानत मिलने के बाद परिसर का माहौल एक बार फिर गरमाने लगा है. रविवार को विरोध प्रदर्शन के बाद सोेमवार को दूसरे दिन भी छात्र-छात्राओं ने बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर के बाहर प्रतिरोध सभा की और लंका गेट तक आक्रोश मार्च निकला. छात्र-छात्राओं का कहना है कि आज जब पूरा देश कोलकाता से लेकर महाराष्ट्र में हुए महिलाओं के साथ जघन्य अपराध से अक्रोशित है, ऐसे समय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आईआईटी बीएचयू के बलात्कारियों को जमानत देना न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है. गौरतलब है कि एक नवम्बर 2023 को हुई इस घटना के बाद बीएचयू परिसर में एक हफ्ते तक आंदोलन होता रहा. तब यूपी ही नही केंद्र की सियासत गरमा गई थी.
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बीजेपी बलात्कारियों को संरक्षण प्रदान करती है
इधर, सभा में वक्ताओं ने कहाकि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के आईटी सेल के संचालक सदस्य थे. वही बीजेपी जो चुनाव में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की बात करती है लेकिन अपने पार्टी में बलात्कारियों को संरक्षण प्रदान करती है. यह उनके महिला विरोधी रवैए को दिखाता है. कैंपस में गैंगरेप की घटना के आरोपितों का पता चलने पर जिला और बीएचयू प्रशासन इसे दबाने की पूरजोर कोशिश में लगा हुआ था लेकिन विद्यार्थियों के लगातार आक्रोश प्रदर्शन के दवाब में बीजेपी सरकार की पुलिस को आरोपितों को पकड़ना पड़ा. इसलिए इन आरोपितों को मिले जमानत पर सभी स्टूडेंट्स काफी गुस्से में हैं. अगर सरकार ही रेपिस्टों के प्रति ऐसा रवैया रखेगी तब न्याय की उम्मीद सरकार और न्यायालय से करना बेईमानी होगी.
हम न्यायपसंद और संवेदनशील लोगों को आगे आना होगा
सभा में शामिल छात्राओं ने कहा कि अगर देश को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाना है तो हम न्यायपसंद और संवेदनशील लोगों को आगे आना होगा. सड़क पर उतरना होगा और अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी. छात्राओं ने कहा कि हम आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपितों को जमानत मिलने का पूर जोर विरोध करते हैं और उनकी जमानत रद्द करने और उन्हें कड़ी सी कड़ी सजा देने की भी मांग करते हैं. उन्होंने कहाकि आज जरूरत है कि सत्ता के संरक्षण में पलने वाले ऐसे बलात्कारियों को सजा दिलाने के लिए जनता को हीं अपनी जिम्मेदारी समझकर सड़कों पर एकजुट होना होगा. इस स्त्री विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करना होगा. आक्रोश मार्च और सभा का संचालन इप्शिता ने किया, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के महेंद्र और बाकी साथियों ने कविता, भाषण और गीत के माध्यम से दुष्कर्म की संस्कृति के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. मार्च में काजल, आकांक्षा, सिद्धि, निधि, अंकिता, वंदना, आदर्श, सुधीर, मोहित, मुकेश, अविनाश, ऋषिकेश आदि छात्र-छात्राएं शामिल रहीं.