Karpoori Thakur को भारत रत्न के बाद बिहार की सियासत में आ गया तूफान

भाजपा ने अपने विधायकों को पटना बुला लिया तो भाजपा ने अपने नेता दिल्ली बुला लिए हैं.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन सरकार की अस्थिरता की खबरों को जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद हवा मिल गई. अब यह आंधी से तूफान में तब्दील हो चुका है. भाजपा ने अपने विधायकों को पटना बुला लिया तो भाजपा ने अपने नेता दिल्ली बुला लिए हैं. तख्ता पलट की तरह-तरह की कयासबाजियों के बीच नये-नये अपडेट सामने आ रहे हैं.

फिलहाल करीब एक माह से बिहार की सियासत में चल रहे उतार-चढ़ाव, कभी जीतनराम माझी तो कभी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान अब हकीकत में बदलते दिखाई दे रहे हैं. बिहार की सत्ता शह और मात के लिए शतरंज की बिसात पर बिछ गई हैं. फैसला होना शेष रह गया है.

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विधानसभा उप चुनाव के बाद बदला गणित

बिहार विधानसभा में मौजूदा विधायकों की संख्या वही नहीं है, जो 2020 चुनाव परिणाम में रहा था. भाजपा ने तब 74 सीटें जीती थीं। इसके बाद उसने उप चुनाव में राजद से कुढ़नी विधानसभा सीट छीन ली. इन दोनों को मिलाकर भाजपा की संख्या 75 होती है, लेकिन इस बीच उसने विकासशील इंसान पार्टी के तीनों विधायकों को अपनी पार्टी में मिला लिया. चूंकि, तीन ही विधायक थे इसलिए दल-बदल के कारण उनकी सदस्यता कायम रही. इस तरह भाजपा के पास अभी 78 विधायक हैं. राजद ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उसमें से वह कुढ़नी सीट उप चुनाव में हार गई। इस तरह उसके 74 सीट थी. लेकिन बोचहां सीट उप चुनाव में उसके नाम रही. इस तरह उसके विधायकों की संख्या वापस 75 होती. लेकिन, राजद ने असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों को अपने साथ मिला लिया. इस तरह राजद की संख्या अब 79 है. जहां तक तीसरे नंबर की पार्टी जदयू का सवाल है तो उसने 43 सीटों पर चुनाव जीता था. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी के एक और लोजपा के एक विधायक को अपने साथ कर लिया. इस तरह उसके पास 45 विधायक हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय भी साथ है. ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इकलौते विधायक के रूप में विधानसभा में हैं. कांग्रेस के 19 विधायक अपनी जगह पर हैं. सीपीआईएमल के 12, सीपीआई एम के दो, सीपीआई के दो और हम के चार विधायक भी हैं. यह 243 विधायकों वाले बिहार विधानसभा का गणित है.

माझी ने कहा था खेला होगा, गिरिराज ने‘ मैं मायके चली जाऊंगी‘

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों लगातार यह बात कह रहे थे कि खेला होगा. एक हफ्ते पहले उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट भी किया था. अब उनकी बात सच होती दिखाई दे रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के व्यंगात्मक लहजे में फिल्मी गाने की लाईन ‘मैं मायके चली जाऊंगी‘ भी सटीक बैठती नजर आ रही है. उधर, इस घटनाक्रम के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या का सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करना और फिर डिलीट कर देना भी चर्चा का विषय बना है. फिलहाल घटनाक्रम लगातार बदल रहा है. कभी भी निर्णायक स्थिति सामने आ सकती है.

रोहिणी ने सोशल मीडिया पर यह किया था पोस्ट

रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि ‘ अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते हैं बदतमीजियां‘ फिर लिखा कि‘ खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य‘ विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट‘, इसके बाद तीसरे पोस्ट में लिखा कि समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है‘ सोशल मीडिया पर लिखी रोहिणी की बातों से सीएम नाराज हो गए और कैबिनेट बैठक के दौरान कुछ उखड़े-उखड़े दिखाई दे रहे थे.

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