पाकिस्तान कर रहा अफगान शांति प्रक्रिया बहाली का प्रयास
पाकिस्तान अफगान युद्ध की समाप्ति में मदद करने वाली एक चतुष्कोणीय शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की कोशिश में है और इसके लिए उसने सभी संबंधित समूह के सदस्यों को अगले सप्ताह ओमान में मिलने के लिए कहा है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान, अमेरिका, चीन और पाकिस्तान इस चतुष्कोणीय सहयोग समूह के सदस्य हैं।
तालिबान को बातचीत के मेज पर लाना है उद्देश्य
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले सप्ताह अमेरिकी दौरे पर ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ को बताया था कि इस चतुष्कोणीय सत्र में इस्लामाबाद एक प्रमुख भूमिका निभाएगा, जिसका उद्देश्य अफगान तालिबान को बातचीत की मेज पर लाना है। यह समूह पहली बार जनवरी, 2016 में मिला था और अब तक समूह पांच बैठकें कर चुका है। आखिरी बार समूह की बैठक मई 2016 में पंजाब प्रांत के मरी शहर में आयोजित की गई थी।
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पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह शांति प्रक्रिया शुरू से ही समस्याओं से घिर गई, जब सबसे पहले तालिबान ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसका कहना था कि जब तक उसे अफगान सरकार के समान दर्जा नहीं दिया जाता, तब वह इसका हिस्सा नहीं बनेगा। वहीं, जब तालिबान भाग लेने के लिए राजी हुआ तो काबुल और इस्लामाबाद के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए।
पाकिस्तान तालिबान पर अपना प्रभाव खो रहा
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान भी तालिबान पर अपना प्रभाव खो रहा है।आसिफ ने ‘वीओए’ से कहा, “तालिबान पर आज हमारा जो प्रभाव है वह अविश्वास से भरा है।” उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि आज पाकिस्तान से तालिबान पर रूस का प्रभाव पड़ता है।