“सनातन संस्कृति के प्रतीक विश्वनाथ कॉरिडोर की उतारी आरती “

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काशी विश्‍वनाथ धाम के लोकार्पण को दो साल पूरे होने पर नमामि गंगे ने महर्षि योगी विद्याश्रम के वेदपाठी बटुकों के साथ गंगा द्वार पर भव्य कॉरिडोर की आरती उतारी. नमामि गंगे टीम ने ललिता घाट स्थित भव्य गंगा द्वार से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर तक शिवार्चन यात्रा निकाली. नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला की अगुआई में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भी भाग लिया. भगवान शिव शंकर के प्रतिरूप संग ढोलक,झाज-मजीरों के ताल पर ॐ नमः शिवाय- हर हर महादेव के गगन भेदी उद्घोष से काशी विश्वनाथ धाम गूंज उठा. डमरूओं की गड़गड़ाहट के बीच माथे पर भष्म की त्रिपुंड लगाए, ॐ अंकित भगवा ध्वज, बटुकों के शंखनाद ने काशी के कंकड़ कंकड़ में शंकर होने का सुखद एहसास किया. नमामि गंगे टीम ने गंगा द्वार पर स्वच्छता अभियान भी चलाया. नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि काशी में प्रवेश करते ही व्यक्ति सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है. भगवान शिव शंकर के आशीर्वाद से यहां आते ही एक अलौकिक ऊर्जा हमारी अंतरात्मा को जागृत कर देती है. कहा कि विश्वनाथ धाम का परिसर सिर्फ एक भव्य इमारत नहीं है. यह हमारे भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक है. यह हमारी आध्यात्मिक आत्मा का प्रतीक है. यह भारत की प्राचीनता, परंपरा, भारत की ऊर्जा और गतिशीलता का प्रतीक है. आयोजन में प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर सहसंयोजक सरिका गुप्ता, महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा, अनूप जोशी, संजय गुप्ता, मोहित पांडेय, शांतनु मिश्रा‌ व महर्षि योगी विद्याश्रम सिद्धेश्वरी के बटुक शामिल रहे.

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आज दो साल का हो गया श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर:

श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बने आज यानी 12 दिसंबर को 2 साल का हो गया. 2021 में आज ही के दिन मंदिर का 200 गुना विस्तार किया गया था. उसके इनॉगरेशन के उपलक्ष्य में बड़े ही धूमधाम से एनिवर्सरी मनाई जा रही है.
मंदिर में रात तक 5 लाख से ज्यादा भक्त बाबा का दर्शन-पूजन और जलाभिषेक करेंगे. मंदिर ट्रस्ट ने महारुद्राभिषेक की तैयारी की है. डमरू दल और शंखनाद की ध्वनि से बाबा दरबार का कोना-कोना गूंज उठेगा.

5 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा निकलेगी

बुधवार दोपहर में 12 बजे के बाद देवाधिदेव शिव की 5 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा काशी विश्वनाथ के मुख्य द्वार से गुजरेगी. ये यात्रा शिवरात्रि पर काशी में निकलने वाली भव्य शिव बारात के जैसी होगी. मंदिर आ रहे भक्तों को इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार है. कॉरिडोर बनने के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 13 करोड़ भक्तों ने दर्शन पूजन किया.

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