धर्म के नाम पर अपमान, महिला की पीएम से न्याय की गुहार

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धर्म के नाम पर अपमान किये जाने से आहत हुई एक महिला ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से न्याय की गुहार लगाई है। दरअसल राजधानी लखनऊ के रतन स्क्वायर में पासपोर्ट सेवा केंद्र में बुधवार को तन्वी सेठ नाम की महिला पासपोर्ट बनवाने गई थी। महिला का आरोप है कि पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र ने उनके धर्म के नाम पर उनका जमकर मखौल उड़ाया।

अपमान जनक व्यवहार से मुझे बहुत पीड़ा हुई है

इस घटना से दुखी तन्वी ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री से न्याय की मांग की है। तन्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि लखनऊ पासपोर्ट ऑफिस में विकास मिश्रा द्वारा धर्म के नाम पर किये अपमान जनक व्यवहार से मुझे बहुत पीड़ा हुई है। महिला ने ट्वीट में लिखा है किसी आम नागरिक के सुविधा के लिए के बनाये गये पासपोर्ट ऑफिस जैसी जगह पर इस तरह के व्यवहार की मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

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उन्होंने लिखा कि शादी के बारह सालों में किसी ने कभी इस तरह अपमान नहीं किया जितना मुझे पासपोर्ट ऑफिस में अपमानित किया गया। मैं किसी भी धर्म के लड़के से शादी करूं ये मेरा व्यक्तिगत मामला है। मैं शादी के बाद किसी भी नाम का चुनाव करूं ये मेरा फैमिली मैटर है। इस मामले में किसी को भी किसी भी तरह की टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है।

एक की उपनाम रखने की एडवाइस भी दे डाली

दरअसल, तन्वी सेठ ने 2007 में दूसरे धर्म के युवक अनस सिद्दीकी से शादी की थी। उनकी छह साल की बेटी भी है। तन्वी का आरोप है कि जिस समय पासपोर्ट अधीक्षक उन्हें धर्म के नाम पर अपमानित कर रहे थे उस समय उनके साथी कर्मचारियों ने भी उनपर कई अपमान जनक बातें बोलीं। तन्वी का आरोप है कि विकास मिश्र ने पेपर्स देखने के बाद दूसरे धर्म में यानि मुस्लिम से शादी करने के बारे में सवाल-जवाब करने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने दोनों को एक की उपनाम रखने की एडवाइस भी दे डाली।

मामले को तूल पकड़ता देख एपीओ विजय द्विवेदी ने ऑफिस की तरफ से माफी मांगते हुए उनसे लिखित में शिकायत मांगी है। तो दूसरी तरफ रीजनल पासपोर्ट अफसर पीयूष वर्मा ने मामले की जानकारी न होने की बात कही है।

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