काम कक्ष निरीक्षण का, करा रहे थे ये काम…..!
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बोर्ड एग्जाम में खुलेआम नकल की बेशर्मी में बलिया के बाद मिर्जापुर दूसरे नंबर पर आ गया है। यहां के छानबे ब्लॉक के सिहावल में बाबू घनश्याम सिंह इंटर कॉलेज एग्जाम सेंटर पर एसटीएफ वाराणसी की टीम ने छापेमारी कर धड़ल्ले से हो रही नकल पकड़ ली है। यही नहीं, एग्जाम सेंटर से सटे आईटीआई कॉलेज में कापियां लिखने का खेल हो रहा था।
वाराणसी एसटीएफ ने मारा छापा
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने केंद्र अध्यक्ष और दो शिक्षकों सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया है। नकल की सूचना मिलते ही डीएम और एसपी सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मिर्जापुर के छानबे इलाके के एग्जाम सेंटर पर बोर्ड परीक्षा में नकल की सूचना एसटीएफ की मिली थी जिसके आधार पर एसटीएफ ने सुबह आठ बजे घनश्याम सिंह इंटर कॉलेज जा पहुंची।
एसटीएफ की टीम ने गांव से काफी दूर अपने वाहन खड़े किए और आम लोगों की तरह गांव पहुंचे। वहीं, एसटीएफ के कुछ सदस्य कॉलेज के बाहर लगे गेहूं के खेत में छिप गए। कुछ ही देर हुई थी कि बोर्ड एग्जाम सेंटर से सटे आईटीआई कॉलेज में हलचल शुरू हुई। मौके पर मुस्तैद एसटीएफ की टीम ने इस दौरान छापा मार दिया।
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टीम के पहुंचते ही आईटीआई कालेज में भगदड़ मच गई। कापियां लिख रहे कई लोग भागने में सफल हो गए। लेकिन कापी लिख रहे शिक्षक जितेंद्र सिंह और लल्लन को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से लिखी गई बोर्ड की सात कापियां बरामद हुईं।
शिक्षकों के बयान के आधर पर नकल कराने के आरोप में केंद्राध्यक्ष प्रदीप सिंह को भी टीम ने गिरफ्तार कर लिया।सूचना पर डीएम बिमल कुमार दुबे और एसपी आशीष तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक एके सिंह मौके पर पहुंच गए। तीनों के साथ ही केंद्र के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
बदले गए केंद्र अध्यक्ष
वाराणसी एसटीएफ की छापेमारी के बाद केंद्राध्यक्ष को बदल दिया गया। इतना ही नहीं बोर्ड को मामले की रिपोर्ट भेद दी गई है। बोर्ड के निर्णय के आधार पर परीक्षा निरस्त होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है। यही नहीं माना जा रहा है कि मामले में कई और लोगों के खिलाडी भी कार्रवाई हो सकती है।
सरकार की सख्ती, 10 लाख स्टूडेंट्स ने छोड़ा एग्जाम
उत्तर प्रदेश की सरकार हाईस्कूल और इंटर बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने को लेकर कड़े कदम उठाए थे। यही कारण है कि छात्र बोर्ड की परीक्षा देने से कतरा रहे हैं और परीक्षा से गायब हो रहे हैं। पिछले 4 दिनों में 10 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है। सरकार के इस फैसले के कारण नकल माफियाओं को भी डर लगने लगा है कि कहीं उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई न हो जाए।
पिछले साल 5.25 लाख छात्रों ने परीक्षा छोड़ी थी
पिछले साल बोर्ड परीक्षा में 5.25 लाख छात्रों ने परीक्षा छोड़ी थी, लेकिन, इस साल अभी तक 10 लाख छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के परीक्षा में नहीं शामिल होने से यूपी बोर्ड और शिक्षा विभाग के अधिकारी को भी आश्चर्य हो रहा है।
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